राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 26 अप्रैल
43 दिनों के लम्बे इंतजार कराने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने कल देर रात कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह को फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित कर दिया। जैसे ही उनके नाम घोषित होने की सूचना फरीदाबाद पहुंची, उनके समर्थक बीती रात से ही उनके निवास पर पहुंच गए और आतिशबाजी कर बधाई दी। भाजपा ने पहले ही दो बार के लगातार सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, इनेलो ने सुनील तेवतिया, जजपा ने नलिन हुड्डा और बसपा ने किशन ठाकुर को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। 20 साल बाद एक बार फिर इस चुनाव समर में दो कट्टर प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने होंगे। महेन्द्र प्रताप सिंह और कृष्णपाल गुर्जर के बीच यूं तो हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई मुकाबले हुए हैं, पर लोकसभा में दोनों के बीच पहली बार सीधा-सीधा मुकाबला होगा। इससे पहले 2004 के विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच तत्कालीन मेवला महाराजपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला हुआ था, जिसमें महेंद्र प्रताप सिंह विजयी हुए थे।
पिता की विरासत को आगे बढ़ाकर बने युवा सरपंच
अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए महेंद्र प्रताप सिंह मात्र 21 साल की उम्र में 1966 में अपने गांव नवादा कोह के सरपंच बन गए थे और फिर 1972 में ब्लॉक समिति के लिए चुने गए। 1987 में वह दोबारा विधायक बने। हरियाणा विधानसभा की 90 सीट में से कांग्रेस सिर्फ पांच सीटें ही जीत पाई थी और उनमें महेंद्र प्रताप सिंह एक थे। महेंद्र प्रताप सिंह भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर के पुराने प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। गुर्जर ने 1996 में पहली बार भाजपा के टिकट पर महेंद्र प्रताप सिंह को 26 हजार मतों से हराया था। दोनों के बीच यह राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता 2000 के विधानसभा चुनाव में भी कायम रही। इस चुनाव में महेंद्र प्रताप सिंह को कांग्रेस का टिकट नहीं मिला, पर वो पार्टी से किनारा कर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए, मगर कांटे के मुकाबले में 161 मतों से कृष्णपाल गुर्जर से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2004 के चुनाव में महेंद्र प्रताप सिंह ने भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर को पराजित कर बदला चुकाया। 2009 में मंत्री बने।