गुुरुग्राम, 25 जून (हप्र/निस)
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की रेवेन्यू कोर्ट लगाने को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संबोधित किया और कहा कि जीवन में किताबों के ज्ञान के साथ-साथ अनुभव और प्रशिक्षण जरूरी है। मनुष्य अपने जीवन में अंतिम समय तक सीखता है और आगे बढ़ने के लिए प्रशिक्षण और मेहनत जरूरी है। मंडलायुक्त राजीव रंजन द्वारा दिए जा रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से डीसी, एडीसी तथा एसडीएम स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम देखने पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि वर्ष-1980 से लेकर 2014 तक 34 वर्षों के दौरान ट्रेनिंग अर्थात प्रशिक्षण उनका रुचिकर विषय रहा है। केवल किताबी ज्ञान से ही सफलता नहीं मिलती बल्कि कम से कम संसाधनों के साथ कम से कम समय में ज्यादा आउटपुट कैसे मिले, उसके लिए ट्रेनिंग ज़रूरी है। ट्रेनिंग अर्थात प्रशिक्षण लगातार चलने वाला विषय हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीखने की कोई आयु नहीं होती। उन्होंने स्वयं 40 वर्ष की आयु में कम्प्यूटर चलाना सीखा और यह कहते हुए उन्हें आज प्रसन्नता हो रही है कि उसकी उपयोगिता यह हुई है कि जब भी वे अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं तो अधिकारी पूरी तैयारी के साथ आते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कहीं उनकी गलती पकड़ी ना जाए।
2 सवालों के गुप्त जवाब देने काे कहा
सीएम ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों से दो सवाल पूछे और उनके जवाब लिखकर गुप्त रूप से उन्हें देने को कहा। उस कागज पर चाहे वे अपना नाम न लिखें। इसमें एक सवाल यह था कि आपने जब से ज्वाइन किया है, आपको सरकार की कौन सी योजना अच्छी लगी, जिससे जनता को लाभ मिल रहा हो और उसे आगे बढ़ाने की जरूरत है। दूसरा सवाल यह था कि योजनाओं से अलग कोई और काम क्या किया जाना चाहिए जिसकी जनता को जरूरत है। इन दोनों सवालों के जवाब मुख्यमंत्री अपने साथ ले गए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे भी उनसे कोई दो सवाल या संशय पूछ सकते हैं।