आबकारी नीति पर आज लगेगी मुहर, शराब रेट में बढ़ोतरी संभव
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 4 मई
हरियाणा में शराब के रेट बढ़ सकते हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 2025-26 की नई शराब नीति (एक्साइज पॉलिसी) को मंजूरी प्रदान की जाएगी। बैठक में और भी कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि नई शराब नीति में ठेकों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होगी।
वहीं दूसरी ओर, सरकार ने आबकारी एवं कराधान विभाग में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सभी आबकारी एवं कराधान अधिकारियों (ईटीओ) और उप-आबकारी एवं कराधान अधिकारियों (डीईटीसी) के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। 2025-26 की आबकारी नीति तैयार करने के लिए विभागीय अधिकारियों की हितधारकों के साथ कई दौर की बैठकें भी की हैं। नई आबकारी नीति में करों से करीब 14 हजार करोड़ रुपये अर्जित करने का लक्ष्य रहेगा। इसके लिए देशी-विदेशी शराब की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की जा सकती है।
प्रदेश में करीब 2400 शराब ठेके हैं। नई आबकारी नीति में ठेकों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी। ठेकों की नीलामी खुली बोली से की जाएगी। आबकारी एवं कराधान विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए प्रदेश सरकार कई कदम उठाने जा रही है। नई व्यवस्था में दो करोड़ रुपये से अधिक कर की मांग वाले मामलों में आबकारी एवं कराधान अधिकारियों की जगह उप-आबकारी एवं कराधान अधिकारी नोटिस जारी करेंगे।
हरियाणा जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा-61 के तहत संज्ञान के मामलों में जांच करने के लिए सक्षम अधिकारी आबकारी एवं कराधान अधिकारी को बनाया गया है। करदाताओं की परेशानियों को कम करने के लिए जांच अब संयुक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त (जेईटीसी) के पूर्व अनुमोदन के उपरांत ही शुरू की जा सकेगी। इतना ही नहीं, करदाताओं की सहूलियत के लिए पिछले तीन से चार वर्षों के आडिट को एक ही बार में किया जाएगा, ताकि व्यापारियों को विभाग में बार-बार चक्कर न लगाने पड़े। विशेष लेखा परीक्षण के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट और कास्ट अकाउंटेंट का पैनल बनाया जाएगा।
कृषि उपकरणों पर जीएसटी खत्म करने की सिफारिश
सभी कृषि उपकरणों पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में छूट, जीएसटी का स्वचालन रिफंड, मासिक की बजाय सालाना आत्म मूल्यांकन, इनवायस की सीमा को पांच करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये करने के लिए प्रदेश सरकार जीएसटी काउंसिल में सिफारिश करेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी फसल अवशेष प्रबंधन यानी पराली को नष्ट करने में इस्तेमाल होने वाले 10 कृषि मशीनों पर जीएसटी में छूट देने की मांग को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिख चुके हैं।