चंडीगढ़, 20 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार हरियाणा के नूंह (मेवात) जिले का पिछड़ापन दूर करने को अभी भी गंभीर प्रयास नहीं हो रहे। जिले के दो दर्जन से अधिक अहम विभागों में आला अधिकारियों की कमी है। महज नाम के लिए दूसरे जिलों के अधिकारियों को नूंह का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
स्थिति यह है कि डीसी, एसपी, एसडीएम और डीएसपी के पदों पर ‘मजबूरी’ न होती तो इन पदों पर भी दूसरे जिलों के अधिकारियों को ही अतिरिक्त कार्यभार मिलता। ऐसा हाल क्लास-वन और टू अधिकारियों का है। जिले के स्कूलों में शिक्षकों तथा अस्पतालों में डॉक्टरों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की कमी तो इससे पूरी तरह से अलग है। अफसरों व कर्मचारियों की कमी का मुद्दा विधानसभा में भी कई बार उठता रहा है।
केंद्र की मोदी सरकार की योजना के तहत नीति आयोग ने देश में हरियाणा से अकेले नूंह को सबसे पिछड़ा घोषित किया गया है। यहां भी स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने की वजह से आम लोगों को दैनिक कार्यों में भी परेशानी होती है। यह अतिरिक्त चार्ज वाले अधिकारी की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह सप्ताह में एक दिन नूंह में आएंगे भी या नहीं।
नूंह रोडवेज डिपो के जीएम का अतिरिक्त कार्यभार गुरुग्राम डिपो के जीएम कुलबीर सिंह ढाका को दिया हुआ है। नूंह जिला परिषद सीईओ का अतिरिक्त जिम्मा जीएमडीए के डिप्टी सीईओ गजेंद्र सिंह को दिया हुआ है। फरीदाबाद के डीडीपीओ राकेश मोर के पास नूंह डीडीपीओ का भी अतिरिक्त कार्यभार है। गुरुग्राम के जिला रोजगार अधिकारी रणजीत रावत को नूंह का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया हुआ है। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी का पद भी खाली है। गुरुग्राम में मंजू देवी के पास यह जिम्मेदारी है और उन्हें की नूंह का भी अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है। सिंचाई विभाग में एससी का पद खाली है। फरीदाबाद के एससी एसपी गर्ग ही नूंह ही जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। नूंह में जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) के पद पर सुरेश कुमार की नियुक्ति की हुई है तो उन्हें पलवल के डीआरओ को अतिरिक्त जिम्मा दिया हुआ है।
स्थानीय निकाय विभाग का हाल भी खराब
शहरी स्थानीय निकाय विभाग में भी हाल ऐसे ही हैं। नूंह नगर पालिका के सचिव देवेंद्र कुमार को पुन्हाना पालिका के सचिव का अतिरिक्त कार्यभार मिला हुआ है। पलवल डीएमईओ रामेहर को नूंह का भी जिम्मा दिया हुआ है। नूंह में जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार को सर्व शिक्षा अभियान का भी जिम्मा दिया हुआ है। हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड, गुरुग्राम के एक्सईएन दीपक वर्मा के पास ही नूंह का भी चार्ज है। डीएसडब्ल्यूओ के पद पर नूंह जिले का चार्ज चरखी दादरी के सरफराज हुसैन को दिया हुआ है। नूंह में ट्रेजरी अधिकारी के पद पर कार्यरत संदीप चौधरी को पलवल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है। नूंह जिले में प्रदूषण बोर्ड के आरओ, माइनिंग आफिसर, हैफेड के डीएम, बीडीपीओ, एग्रीकल्चर के डिप्टी डायरेक्टर सहित कई पदों पर अतिरिक्त चार्ज ही अधिकारियों को मिला हुआ है। नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर-झिरका में तहसीलदार के पद तो खाली ही पड़े हैं।
सीएम तक पहुंचा पूरा मामला
अधिकारियों की कमी और जिला स्तर के अधिकांश पदों पर दूसरे जिले के अधिकारियों को अतिरिक्त चार्ज दिए जाने का मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तक पहुंच चुका है। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने इसके लिए सीएम को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि अगर इसी तरह से दूसरे जिलों के अधिकारियों को अतिरिक्त चार्ज दिया जाता रहा तो मेवात का पिछड़ापन कभी दूर होगा ही नहीं। आफताब का कहना है कि जब तक अधिकारियों की स्थाई नियुक्ति नहीं होगी, जिले में विकास नहीं हो पाएगा।