राखी गढ़ी के टीलों पर छठी बार खुदाई शुरू
नारनौंद, 21 फरवरी (निस) हड़प्पा कालीन सभ्यता को लेकर विश्व के मानचित्र पर अंकित राखीगढ़ी गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। राखीगढ़ी में टीले नंबर-एक पर खुदाई शुरू की गई है। यहां छठी बार खुदाई होगी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय...
नारनौंद, 21 फरवरी (निस)
हड़प्पा कालीन सभ्यता को लेकर विश्व के मानचित्र पर अंकित राखीगढ़ी गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। राखीगढ़ी में टीले नंबर-एक पर खुदाई शुरू की गई है। यहां छठी बार खुदाई होगी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान के छात्र इन टीलों पर खुदाई करके हजारों वर्ष पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष निकालने का काम करेंगे। इस बार खुदाई टीलें-नंबर एक, तीन और सात पर की जाएगी। टीले नंबर एक पर ही स्ट्रैंच बनाए गए हैं। पिछले वर्ष भी इन टीलों पर खुदाई की गई थी और काफी अहम अवशेष मिले थे। खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और चंडीगढ़ मंडल की तरफ से की जाएगी। यह खुदाई फरवरी से शुरू होकर अक्तूबर तक चलेगी। अब तक खुदाई के दौरान जो भी अवशेष निकले हैं उनको दिल्ली के नेशनल म्यूजियम सहित पुणे में भी रखा गया है। राखीगढ़ी में सबसे पहले सबसे पहले 1997 से 2000 तक खुदाई की गई थी।
ये मिले अवशेष
अब तक खुदाई के दौरान अलग-अलग टीलों पर काफी अवशेष मिल चुके हैं। जिनमें मिट्टी के विभिन्न प्रकार के खिलौने और आभूषण, शंख से बने आभूषण, पत्थर एवं तांबे के उपकरण, मनके, शेलखड़ी, फियांस, शंख, मूल्यवान पत्थर, पत्थरों और मिट्टी को पकाकर निर्मित मनके, मिट्टी को पकाकर बनाई गई वस्तुएं जैसे पशु की आकृतियां, चूड़ियां, खिलौना गाड़ी पहिए, मिट्टी को पकाकर निर्मित तिकोने, गोलाकार एवं आयताकार केक, विभिन्न प्रकार की तांबे की वस्तुएं, चर्ट ब्लेड इत्यादि शामिल है।

