विनोद लाहोट/निस
समालखा, 6 मई
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को प्रदेश में मतदान हो रहा है, जिसमें गांव करहंस निवासी 109 वर्षीय वृद्ध किसान रामकिशन सहरावत भी मतदान करेंगे। उनकी उम्र बड़ी है लेकिन सोच आज भी युवाओं एवं आधुनिक है। वे बैलेट पेपर की बजाये ईवीएम को ज्यादा सुरक्षित मानते हैं।
रामकिशन सहरावत का जन्म 1915 में किसान परिवार में हुआ था। वे चार भाई थे, जिनमें दो का देहांत हो चुका है। सबसे छोटे भाई महा सिंह की उम्र 90 वर्ष है। उनके पिता धर्म सिंह 1965 में कांग्रेस के हलका प्रधान थे और इसके बाद गांव के सरपंच चुने गए थे। उस समय जैलदारी प्रथा हुआ करती थी। उनके पांच बेटे हैं जिनमें से दो बेटों का देहांत हो गया था। 1952 के आम चुनाव में उन्होंने पहला मतदान किया था, तब से लेकर वह लोकसभा, विधानसभा, पंचायत, जिला परिषद के चुनाव में अपने मत का प्रयोग करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बरसों पहले बेल्ट पेपर के जरिए मतदान किया जाता था, लेकिन आज ईवीएम से अपने मत का प्रयोग करते आ रहे हैं। वे मानते हैं कि ईवीएम सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल व पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल बहुत ही अच्छे नेता थे। चौधरी देवीलाल ने ₹100 रुपए से पेंशन की शुरुआत की थी। वे पांचवी पीढ़ी में 22 वर्षीय प्रपौत्री देख रहे हैं। उन्होंने 80 साल खेतों में हल चलाया।