पिहोवा, 22 जून (निस)
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि पिहोवा के राजस्व रिकार्ड में सरस्वती चैनल के निकट संगमेश्वर महादेव मंदिर के साथ ही प्राचीन घाट के होने के साथ-साथ अरुणा, वरुणा व सरस्वती नदी के संगम होने के साक्ष्य मिले हैं। इस सरस्वती चैनल के निकट मिले प्राचीन घाट मुगलकालीन शासन के बताए जा रहे हैं। इसलिए यह स्थल हरियाणा के लिए एक प्राचीन धरोहर है।
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने मंगलवार को पिहोवा सरस्वती चैनल की साइट का निरीक्षण किया और अधिकारियों से बातचीत की। इससे पहले बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर एआर चौधरी, शोध अधिकारी डा. दीपा ने गांव अरुणाय में सरस्वती चैनल के पास प्राचीन घाट की साइट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों से मौके पर ही प्राचीन राजस्व रिकार्ड का अवलोकन कर साइट के रिकार्ड को भी देखा।
इस राजस्व रिकार्ड में प्राचीन घाट, तीर्थ और अरुणा, वरुणा व सरस्वती नदी के संगम होने के साक्ष्य मिले हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकार्ड 1905 के बंदोबस्त में अरुणाय के पास इस स्थल पर अरुणा, वरुणा और सरस्वती नदी का जिक्र किया गया है। इन तीनों नदियों के मार्गों पर आज अतिक्रमण किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जाएगी योजना
धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि इस स्थल को हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड विकसित करेगा। इसके लिए बोर्ड की तरफ से शीघ्र ही योजना तैयार की जाएगी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष योजना को रखा जाएगा। इस योजना पर मोहर लगते ही बोर्ड काम शुरू कर देगा।