राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 24 जून
स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की सड़कों पर हर दूसरे दिन एक जान जा रही है, न पुलिस इस तरफ ध्यान दे रही है और न ही प्रशासन। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 150 दिनों में ही 236 हादसों में 90 लोगों की मौतें हो चुकी हैं और 196 लोग जख्मी हो गए हैं। यह हाल राष्ट्रीय राजमार्ग या मुख्य सड़कों का नहीं बल्कि शहर की अंदरूनी सड़कों का है। इन हादसों से ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन दोनों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। बढ़ते सड़क हादसों का मुख्य कारण टूटी और बदहाल सड़कें भी माना जा रहा है, जिनमें अक्सर वाहन चालक संतुलन खो बैठते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। शहर में एक तिहाई ट्रैफिक सिग्नल बंद हैं और अगर कहीं चालू भी रहते हैं तो वहां लोग यातायात नियमों को दरकिनार करके सिग्नल तोड़ कर आगे निकल जाते हैं।
अंदर की सड़कों पर ज्यादा हादसे
दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या नंबर-19 पर पिछले तीन वर्षों में सड़क हादसे कम हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक हाईवे पर तीन वर्षों में 444 हादसों में 218 मौत हुई हैं और 361 लोग घायल हुए हैं। वहीं अंदरूनी सड़कों पर 1241 एक्सीडेंट में 444 मौतें हुई हैं और 1126 लोग घायल हो हुए हैं। इस दौरान हाईवे पर वर्ष 2019 में 205 हादसों में 105 मौत हुई और 164 लोग घायल हुए हैं। अन्य सड़कों पर 484 हादसों में 159 मौत हुई और 471 लोग घायल हुए। वर्ष 2020 में हाईवे पर 122 हादसों में 60 मौतें हुई और 100 लोग घायल हुए। 2021 में नेशनल हाईवे पर 117 हादसों में 53 मौत और 97 घायल हुए। अन्य सड़कों पर 385 हादसों में 150 मौत और 334 लोग घायल हो गए।
शहर में हादसों की आशंका वाले स्थलों की हुई पहचान
रोड सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष एसके शर्मा के अनुसार शहर में उन स्थलों की पहचान की गई है, जहां हादसों की आशंका रहती है। इन स्थलों पर निगरानी बढ़ाकर हादसों में कमी लाने का प्रयास हो रहा है। लोगों को सही तरीके से वाहन चलाने और सड़क पार करने के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। सड़कों की बदहालत की वजह से थोड़ी परेशानी आ रही है।
‘चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस रहती है अलर्ट’
ट्रैफिक पुलिस प्रभारी दर्पण कुमार के अनुसार सड़क हादसों में कमी लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी मुख्य चौक-चौराहों पर अलर्ट रहते हैं। यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है, वहीं छात्र-छात्राओं को सेमिनारों, नुक्कड़ नाटकों से समझाया जा रहा है। अॉटो चालकों को भी नियमानुसार चलने के निर्देश दिए गए हैं।
बीते पांच माह में ही 236 हादसे घटे
वर्ष 2022 में जनवरी से मई यानी पिछले पांच माह में करीब 236 सड़क हादसे हुए, जिनमें 90 लोगों की मौत हो गई तथा 196 लोग घायल हुए। पिछले तीन वर्षों में यहां 1680 हादसों में 622 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 1487 लोग घायल हुए हैं। सरकारी रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2019 में जिले में 689 सड़क हादसों में 264 मौतें हुई तथा 635 लोग घायल हुए। वहीं, वर्ष 2020 में जिले में 489 सड़क हादसे हुए, इनमें 195 मौतें हुई और 421 लोग घायल हुए। वर्ष 2021 में 502 सड़क दुर्घटनाओं में 203 लोगों की मौत हो गई जबकि 431 लोग घायल हुए थे। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित शहर की अंदरूनी सड़कों पर जगह-जगह दिशा सूचक पट्ट और अलर्ट बोर्ड लगाने के बावजूद पिछले तीन सालों में सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है।