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दो महीने बाद भी नहीं मिला बाढ़ से खराब हुई फसलों का मुआवजा

5096 किसानों की 40 हजार एकड़ में खड़ी धान की फसल हो गई थी खराब
चीका में मुआवजे को लेकर विचार-विमर्श करते किसान। -निस
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अगस्त-सितंबर माह में आई बाढ़ में गुहला चीका क्षेत्र के लगभग 90 गांव प्रभावित हुए थे। तेज बरसात व बाढ़ में इस क्षेत्र के 5096 किसानों की 40 हजार एकड़ में खड़ी धान की फसल पूरी तरह से खराब हो गई थी। इसके अलावा गुहला क्षेत्र में धान की फसल में बौने पौधे व हल्दी रोग ने भी भारी नुकसान किया था। उसी समय मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ऐलान किया था कि प्रदेश सरकार किसानों के साथ खड़ी है और बाढ़ व बीमारियों से खराब हुई फसलों की भरपाई मुआवजा देकर की जाएगी और यह मुआवजा दिवाली के त्योहार से पहले पहले किसानों के बैंक खातों में पहुंचा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस ऐलान को दो माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन मुआवजे के नाम पर किसानों को अभी तक एक पैसा नहीं मिला है।

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भाकियू चढ़ूनी के प्रदेश उपाध्यक्ष चमकौर सिंह बनेड़ा, संदीप संधू पीडल, नपा पार्षद प्रतिनिधि गुरदीप अटांल, मांगेराम भागल, भीम सिंह, संदीप कुमार, रामपाल ने बताया कि खराब फसलों का मुआवजा पाने के लिए किसान स्थानीय अधिकारियों के साथ साथ विधायकों, सांसद व मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन सौंपने के अलावा हर मंच पर अपनी आवाज उठा चुके हैं, लेकिन किसानों की आवाज सरकार के कानों तक नहीं पहुंच रही। चमकौर सिंह ने कहा कि अब तो किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद भी टूटने लगी है। चमकौर सिंह ने कहा कि साल 2023 में भी गुहला क्षेत्र में आई बाढ़ ने फसलों का भारी नुकसान किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने का ऐलान किया था, लेकिन किसानों को फूटी कौड़ी मुआवाजे के नाम पर नहीं मिली। चमकौर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार किसान हितैषी होने का दिखावा तो करती है लेकिन किसानों से किए गए एक भी वादे को पूरी नहीं करती।

फसल के साथ ही बह गए परिवार के सपने : मांगे राम

गांव भागल के बुजुर्ग किसान मांगे राम की 10 एकड़ भूमि मारकंडा नदी के पास पड़ती है। बाढ़ के दौरान उनकी 10 एकड़ में खड़ी धान की सारी फसल पानी में बह गई थी। मांगे राम ने आज बताया कि उनके परिवार के पास गुजारे का एकमात्र सहारा खेती है। पिछले दो सीजन में धान की पूरी फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गई है, जिससे परिवार भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। मांगे राम ने कहा कि वे मुआवजा के लिए जब भी अधिकारियों के पास जाते हैं तो उनका एक ही जवाब होता है कि हमने तो अपनी कार्रवाई पूरी कर दी अब मुआवजा तो सरकार ने देना है।

''बाढ़ से खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी के लिए सरकार ने 15 नवंबर तक का समय निर्धारित किया था। गुहला क्षेत्र से गिरदावरी की फाइनल रिपोर्ट 12 नवंबर को ही सरकार को भिजवा दी गई थी। उम्मीद है कि किसानों को जल्द ही उनके नुकसान का मुआवजा मिल जाएगा।''

-कैप्टन प्रमेश सिंह, एसडीएम, गुहला

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