पानीपत, 31 मई (निस)
पानीपत में 18 हजार क्विंटल पिराई क्षमता के पुराने शुगर मिल के स्थान पर अब गांव डाहर में रोजाना 50 हजार क्विंटल पिराई क्षमता का नया शुगर मिल चालू हो चुका है। पुराने शुगर मिल के सभी कार्यालयों आदि को भी अब नये शुगर मिल में पूरी तरह से शिफ्ट किया जाना है। सरकार ने पुराने शुगर मिल वाली 70 एकड़ जमीन को एचएसवीपी को पहले ही दिया हुआ है, लेकिन शुगर मिल प्रबंधन ने अभी इस भूमि का कब्जा एचएसवीपी को नहीं सौंपा है।
मिल प्रबंधन द्वारा पहले पुराने शुगर मिल की सभी बिल्डिंगों, आवासीय परिसर के सभी मकानों, मिल की सारी मशीनरी व लोहे आदि की स्क्रेप और जमीन की वैल्यूएशन करवाई जाएगी। शुगर मिल प्रबंधन द्वारा सारी वैल्यूएशन करवाने के बाद एचएसवीपी को लिस्ट सौंपी जाएगी कि मिल की मशीनरी, बिल्डिंग व भूमि कितने करोड़ रुपए की है। उसके उपरांत एचएसवीपी पानीपत शुगर मिल प्रबंधन को रुपए अदा करेगा और मिल प्रबंधन हूडा को फिर इस जमीन का कब्जा सौंप देगा। शुगर मिल के एमडी नवदीप सिंह के अनुसार पुराने शुगर मिल की सारी मशीनरी व स्क्रेप सहित लोहे आदि के सारे सामान की वैल्यूएशन नेशनल फेडरेशन ऑफ कॉप्रेटिव शुगर फैक्टरीज नई दिल्ली द्वारा की जाएगी।
नेशनल फेडरेशन के टेक्निकल एडवाईजर मुरलीधर चौधरी ने अपनी टीम के साथ मंगलवार को पुराने शुगर मिल परिसर का दौरा किया। शुगर मिल फैक्टरी की सारी बिल्डिंगों और आवासीय कालोनी की बिल्डिंगों की वैल्यूएशन करने के लिये मिल के एमडी ने पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन को पत्र लिखा है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की टीम द्वारा सारी बिल्डिंगों का निरीक्षण करके वैल्यूएशन लगायी जाएगी। पुराने मिल की 70 एकड़ जमीन की वैल्यूएशन लगाने के लिये सरकारी लेवल पर हाई लेवल मीटिंग होगी और इसकी तारीख अभी तय नहीं हो पाई है। हालांकि सारा मूल्यांकन करने में अभी कई दौरे किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि हूडा विभाग द्वारा मिल प्रबंधन को रुपए देने के बाद पुराने मिल का सारा कब्जा दे दिया जाएगा।