करनाल, 15 मई (हप्र)
किसानों और बिजली निगम के बीच मुआवजे को लेकर चल रही तकरार के कारण पानीपत रिफाइनरी एथेनॉल प्लांट तक लाइन ले जाने का काम एक साल से रुका हुआ है। इस मामले में कल सोमवार को पंचकूला में हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के एमडी टीएन सत्यप्रकाश के साथ बैठक के बाद किसान संगठन आगामी रणनीति तय करेंगे।
करनाल के गांव बदंराला में कल हजारों किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए निगम द्वारा लगाये जा रहे हाईवोल्टेज टावर के स्ट्रक्चर उखाड़ फैंके थे। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने आज कहा कि सरकार इस विवाद का स्थाई समाधान चाहती है तो अपनी मुआवजा पोलिसी को रिवाइज करे और किसान को पर्याप्त मुआवजा 15 लाख रुपये प्रति हाईवोल्टेज टावर दिया जाये, क्योंकि टावर लगने से जमीन की कीमत खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि अब तक इस लाइन के लिए किसानों को जो मुआवजा मिला है, वह बहुत कम है। फसल अवशेष प्रबंधन के तहत किसानों की आमदनी बढ़ाने तथा पराली जलाने की समस्या के समाधान को लेकर पानीपत रिफाइनरी में एथेनॉल प्लांट लगाया जा रहा है, 220 केवी मूंड सब स्टेशन से पानीपत रिफाइनरी एथेनॉल प्लांट तक लाइन के लिए करीब 135 टावर लगाए जाने प्रस्तावित हैं। इनमें से हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम द्वारा अब 117 टावर लगाए जा चुके हैं और इनमें से 100 टावरों का संंबंधित किसानों को करीब 70 लाख मुआवजा मिल चुका है, निगम का कहना है कि शेष 17 टावरों से संबंधी किसानों को मुआवजा राशि एक सप्ताह के अंदर मुहैया करवाई जाएगी।
डीसी ने की सहयोग की अपील
डीसी अनीश यादव ने किसानों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि पानीपत रिफाइनरी में एथेनॉल का जो प्लांट लगाया जा रहा है, इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इस प्लांट के लगने से किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि उन्हें पराली खेत से उठाने की अदायगी कंपनी द्वारा की जाएगी।