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मानसून से पहले सुनिश्चित करें नालों की सफाई और प्रभावी जल निकास प्रणाली : नायब

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जलभराव रोकने के लिए सीएम ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
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चंडीगढ़, 2 जुलाई (ट्रिन्यू)

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मॉनसून सीजन में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से बचने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए सभी ड्रेनों की पूरी तरह सफाई और प्रभावी जल निकास प्रणाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बरसाती पानी के त्वरित निकासी के लिए पर्याप्त संख्या में पंपों की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।

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इस दौरान सैनी ने कहा कि आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए सभी उपायुक्त अपने-अपने जिलों में बारिश के पानी की निकासी के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि आमजन को किसी प्रकार की परेशानी न हो। बैठक में उन्होंने प्रत्येक जिले में उपलब्ध पंपों की संख्या की जानकारी ली। उन्होंने सभी उपायुक्तों को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, शहरी स्थानीय निकाय, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के पास उपलब्ध पंपों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पंप सेटों की निर्बाध संचालन के लिए बिजली बेकअप की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विशेष रूप से नगरों एवं शहरों से गुजरने वाले ड्रेनों की समुचित सफाई की जाए ताकि ओवरफ्लो की समस्या उत्पन्न न हो सके। उन्होंने फरीदाबाद में गौंछी ड्रेन को कवर करने की संभावना तलाशने और राज्य की अन्य ड्रेनों के लिए भी इसी प्रकार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, अरुण गुप्ता, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष विनीत गर्ग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, पीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के. मकरंद पांडुरंग, डॉ. आदित्य दहिया, विशेष सचिव डॉ. प्रियंका सोनी सहित विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रत्येक जिले को 4.50 लाख आवंटित

बैठक में मुख्यमंत्री ने विभिन्न सड़कों, पुलों के निर्माण तथा जल निकासी के लिए भूमिगत पाइपलाइन बिछाने की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि बाढ़ की तैयारियों के लिए प्रत्येक जिले को 4.50 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है। इसके अतिरिक्त, जल निकासी कार्यों के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को 50 लाख रुपये दिए गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर राज्य आपदा प्रबंधन कोष के तहत अतिरिक्त धनराशि भी आवंटित की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को मानसून सीजन के दौरान दूषित पानी के कारण होने वाली तथा वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए उपयुक्त कदम उठाने के भी निर्देश दिए।

‘समाधान शिविरों में शिकायतों का त्वरित समाधान करें’

सीएम सैनी ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि समाधान शिविरों के दौरान प्राप्त शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए। जिन मामलों में आवेदन खारिज किया जाता है, वहां जनता की संतुष्टि के लिए आवेदक को स्पष्ट और विशिष्ट कारण बताए जाएं। यदि नीतिगत बाधा के कारण किसी विषय का समाधान नहीं हो पा रहा है, तो उपायुक्त उचित कार्रवाई के लिए आवेदन को मुख्य सचिव कार्यालय को भेजें।

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