पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 18 अक्तूबर
बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए जिस पिता ने थ्री-व्हीलर चलाकर फीस पूरी की, वही बेटा आज पिता और पूरे प्रजापत समाज को दिशा देने का काम कर रहा है। बेटे ने पिता की उम्मीद पर खरा उतरते हुए इंजीनयर बनने का सपना तो पूरा किया ही, साथ में अपने पुश्तैनी कारोबार को भी आधुनिक रूप देने का काम कर दिया। अब वह इंजीनियर नहीं, बल्कि मिट्टी के ऐसे बर्तनो का कारोबारी बन गया है, जो रसोई घर से लेकर दफ्तर तक की जरूरतों को पूरा करते हैं।
बात यहीं खत्म नहीं हुई, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की सोच लेकर यह युवा इंजीनियर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए गांव-गांव ऐसे मिट्टी के बर्तनो के स्टोर खोलने की तैयारी कर रहा है। रविवार को इस युवा ने अपने द्वारा निर्मित आधुनिक अंदाज के बर्तनों की प्रदर्शनी गांव में लगाई।
बात हो रही है सेवली गांव के प्रजापति बिरादरी के साहब सिंह के बेटे राजेंद्र की। बेटा इंजीनियर बने इसके लिए साहब सिंह ने थ्री-व्हीलर चलाया, ताकि वह बेटे की महंगी पढ़ाई का खर्च उठा सके। बेटे ने यह सपना ना केवल पूरा किया, बल्कि एक निजी कंपनी में बढ़िया पैकेज पर नौकरी भी पा ली। प्राइवेट सेक्टर में बेटे को मिली अच्छी नौकरी से पूरा परिवार खुश था। लेकिन राजेंद्र के दिलोदिमाग में कुछ ओर ही चल रहा था। वह अपने दादा-परदादा के पुस्तैनी काम को उद्योग में बदलने की सोच रहा था।
5 साल तक की रिसर्च
बकौल इंजीनियर राजेंद्र ने पांच साल तक उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए वर्किंग और रिसर्च की। इसके बाद उसने अपने सपने को मूर्तरूप देना शुरू किया और रविवार को पहली बार इसका लोगों के सामने प्रदर्शन भी किया। राजेंद्र ने सेवली गांव के आसपास के गांवों में मिट्टी के बर्तनों का स्टोर खोलने की तैयारी कर ली है। ताकि ग्रामीणों को भी रोजगार मिल सके। इन स्टोरों में रसोई से लेकर कार्यालयों में इस्तेमाल होने वाले 40 प्रकार के मिट्टी के बर्तनों को रखा जाएगा। प्रदर्शनी में पहुंचे भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र बढ़खालसा ने युवा इंजीनियर की तारीफ की।