रेवाड़ी, 22 अप्रैल (हप्र)
जिला के गांव बालावास अहीर के विकास यादव ने घर पर ही ई-रिक्शा (लोडिंग) का डिजाइन तैयार कर इसे बाज़ार में उतारा है। इस प्रोजेक्ट पर उनके मैकेनिकल इंजीनियर भाई आकाश यादव भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। कोरोना काल में उनकी भी वर्कशॉप बंद हो हो गई थी।
विकास यादव ने बताया कि वह गुजरात स्थित एक साउथ कोरियन कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। कोरोना के दौर में उसकी जॉब चली गई थी। विकास ने बताया कि इस ई-रिक्शा की खास बात यह है कि यह बैटरी के अतिरिक्त पैडल से भी चलाई जा सकती है। आने वाले समय में सोलर सिस्टम से भी बैटरी चार्ज की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इस ई-रिक्शा में मोटर साइकिल में लगने वाले टायर, हैंड लैम्प प्रयोग किए गए हैं।
इस ई-रिक्शा में एक डिजिटल मीटर लगाया गया है, जो बैटरी की क्षमता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसमें स्पीड के लिए जहां तीन मॉड दिए गए हैं, वहीं बैक गेयर की भी सुविधा है। इसके लिए किसी तरह के पंजीकरण कागजातों की भी जरूरत नहीं हैं।
85 हजार में तैयार हुआ पहला मॉडल: विकास ने बताया कि तैयार की गई पहली ई-रिक्शा लोडिंग पर कुल 85 हजार की लागत आई है। तैयार पहली ई-रिक्शा इस समय सड़कों पर दौड़ रही है और दूसरी ई-रिक्शा तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी कीमत एक लाख रखी गई है। इसमें लगाई गई बैटरी 6-7 घंटे में चार्ज हो जाती है और 60 किमी तक 300 किलोग्राम वजन ले जा सकती है।
विकास ने बताया कि तैयार ई-रिक्शा मॉडल की खबर लगने के बाद कई कंपनियों के अधिकारियों ने गांव पहुंचकर उनसे संपर्क किया है।