पुरुषोत्तम शर्मा /हप्र
सोनीपत, 7 अप्रैल
कटाई का सीजन देख किसानों ने आंदोलन की रणनीति में बदलाव किया है। अब किसानों के मोर्चे पर कर्मचारी दस्तक देंगे। इनके कंधों पर मोर्चे जमाए रखने के अलावा किलेबंदी मजबूत करने का दारोमदार रहेगा। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने बिजली संशोधन बिल 2020 पर सरकार के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है। किसानों ने चेताया है कि केंद्र सरकार को फैसला मंहगा पड़ेगा। इधर, गाजीपुर बाॅर्डर पर बलिया से 1100 किलोमीटर साइकिल यात्रा करके पहुंचे किसान का स्वागत किया गया।
गौरतलब है कि पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत में गेहूं की कटाई का सीजन गति पकड़ चुका है। ऐसे में आंदोलन स्थल पर किसानों की संख्या पहले से काफी कम हो रही है। इसके चलते मोर्चे पर
किसान की जगह अब कर्मचारी लेंगे। किसान संयुक्त मोर्चा ने कर्मचारियों के संगठनों से कहा कि वह अपने सदस्यों की
नियमित रूप से ड्यूटी तय करें ताकि दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चे किसी सूरत में भी कमजोर न पड़ें। इसके लिए अलग-अलग संगठन अलग-अलग दिन मोर्चे पर पहुंचेंगे और गतिविधियों को आगे बढ़ाएंगे।
पंजाब से 11 को रवाना होगी मुलाजम फेडरेशन
डेमोक्रेटिक मुलाजम फेडरेशन व पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विस फेडरेशन के बैनर तले पंजाब के हजारों कर्मचारियों ने समर्थन देते हुए 11 अप्रैल को दिल्ली रवाना होने की तैयारी शुरू कर दी है। नेताओं ने कहा कि आंदोलन को किसी तरह कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि वह बिजली संशोधन विधेयक-2020 को कानून में बदलने का विचार न करे। यह किसानों से किए गए वायदे का उल्लंघन होगा। क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया था कि इस बिल को रद्द कर दिया जाएगा।
1100 किलोमीटर साइकिल चला कर पहुंचा किसान
गाजीपुर बाॅर्डर पर बलिया से 1100 किलोमीटर साइकिल चला कर किसान मजदूर एकता मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष डा. गुड्डू यादव पहुंचे। इनका भारतीय किसान यूनियन के यूपी प्रदेशाध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने स्वागत किया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश भाकियू की ओर से बाॅर्डर पर किसान जवान यात्रा निकाली गई।