बिजली चोरी की जांच और रेड के लिये बॉडी कैमरा लगाकर जाएंगे कर्मचारी
चंडीगढ़, 17 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा में बिजली चोरी की जांच के लिए जाने वाली टीमें अब बॉडी कैमरा लगाकर जाएंगी। इससे चोरी की सही रिपोर्टिंग हो सकेगी। उर्जा मंत्री अनिल विज ने उत्तरी व दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारियों को निरीक्षण टीमों को बॉडी कैमरा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। विज ने कहा कि चोरी के जिन मामलों में वीडियो उपलब्ध नहीं है, उनमें उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय में चार्जशीट दायर की जाए। उच्च राजस्व वाले मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए भी अदालतों में आवेदन दाखिल किए जाएं। विज चंडीगढ़ में बिजली निगमों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अदालतों में जल्द सुनवाई और जल्द फैसलों के लिए अच्छे अधिवक्ताओं का पैनल तैयार किया जाएगा जो लंबित वसूली मामलों की प्रभावी निगरानी कर सकेगा। विज ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में एक घंटे में और ग्रामीण क्षेत्रों में दो घंटे में खराब ट्रांसफार्मर बदले जाएगे तथा प्रत्येक सब-डिवीजन में विभिन्न क्षमता के ट्रांसफार्मर उपलब्ध रहेंगे। इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि फील्ड कार्यालयों में ट्रांसफार्मर को लाने-ले जाने के लिए वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि खराब ट्रांसफार्मर को हटाकर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाए जा सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे फीडर/साइट चिह्नित करें, जहां केबल/कंडक्टर बार-बार टूटते हैं ताकि आवश्यक सुधार किए जा सके। कॉल सेंटर्स की निगरानी रैंडम आधार पर की जाए ताकि शिकायतों का शीघ्र समाधान हो सके। बैठक में बताया गया कि बड़ी संख्या में चोरी के मामले में जांच चल रही है। इस पर विज ने कहा कि भारी राजस्व वाले चोरी मामलों में तुरंत चार्जशीट दाखिल करवाई जाए। उन्होंने बताया कि फील्ड स्टाफ को चोरी पकड़ने की उचित प्रक्रिया जैसे एलएल-1 तैयार करना, सबूत इकट्ठा करना, एफआईआर दर्ज करना आदि का प्रशिक्षण दें और इसका वीडियो फील्ड स्टॉफ में दी जाए ताकि ड्यूटी का निर्वहन सही प्रकार से कर सकें।
57 हजार से अधिक बिल एक माह में होंगे ठीक
विज ने कहा कि सरकार का लक्ष्य लोगों को निर्बाध और पूर्ण वोल्टेज वाली बिजली 24 घंटे उपलब्ध करवाना है। विज के सामने गलत बिलों का मामला भी रखा गया। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में 39 हजार 477 और दक्षिण में 18 हजार 240 गलत बिल बने हैं। विज ने अगले एक महीने में सभी गलत बिलों को ठीक करवाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही, एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने को कहा। इससे बिजली चोरी के मामलों की लंबित स्थिति देखी जा सकेगी और भुगतान किया जा सकेगा।
2000 करोड़ से अधिक की डिफाल्टर राशि बकाया
यूएचबीवीएन के 538.13 तथा डीएचबीवीएन के 1500 करोड़ से अधिक की डिफाल्टर राशि बकाया है। विज ने इसकी वसूली करने के लिए अधिकारियों को लक्ष्य दिया। इसके तहत यूएचबीवीएन द्वारा अप्रैल में 100 करोड़, मई में 200 तथा जून में 238 करोड़ की डिफाल्टर राशि को वसूला जाएगा। डीएचबीवीएन द्वारा अप्रैल में 300, मई में 600 तथा जून में 600 करोड़ की डिफाल्टर राशि वसूली जाएगी।