रोहतक, 1 अगस्त (हप्र)
सर्व कर्मचारी संघ ने अल्टीमेटम दिया है कि 10 नवंबर तक कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो 11 से 13 नवम्बर तक कुरुक्षेत्र में राज्य सम्मेलन कर भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन का ऐलान कर दिया जाएगा। इस निर्णायक आंदोलन की तैयारी के लिए 20 अगस्त से 20 अक्तूबर तक सभी जिलों में कर्मचारी प्रतिनिधि सम्मेलन किए जाएंगे। सम्मेलनों में सरकार की कर्मचारियों की मांगों के प्रति घोर उपेक्षापूर्ण रवैए और जन सेवाओं के निजीकरण की नीतियों से अवगत करवाते हुए आंदोलन की तैयारी का आह्वान किया जाएगा।
यह घोषणा सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने रोहतक कर्मचारी भवन स्थित प्रादेशिक कार्यालय में आयोजित राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए की। बैठक में सकसं की केन्द्रीय कमेटी के पदाधिकारी एवं सदस्य, जिला कमेटियों के प्रधान व सचिव के अलावा एसकेएस से संबंधित विभागीय संगठनों राज्य प्रधान व महासचिव ने भाग लिया और आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया।
इसके साथ ही आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर सांझी विरासत बचाओ अभियान के लिए शहीद यादगार समिति की 7 अगस्त को हिसार कन्वेंशन व स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संध्या 14 अगस्त को किसानों व मजदूरों के रात्रि जागरण में भी भाग लेने का प्रस्ताव पास किया गया।
ये उठायी मांगें
बैठक में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व छंटनीग्रस्त कर्मियों की बहाली की मांग की गई। ठेका सिस्टम समाप्त कर कच्चे कर्मियों की रेगुलराइजेशन, समान काम-समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, खाली पड़े लाखों पदों को भरने, लिपिक का वेतनमान 35400 करने की मांग की गई। बैठक में कहा गया कि ग्रुप डी के कर्मियों का पदोन्नति कोटा बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने और पदोन्नति में लगाई गई पांच साल की शर्त को घटाकर 2 वर्ष करने, कौशल रोजगार निगम व चिराग योजना को वापस लेने, पटवारी एवं कानूनगो सहित अनेक श्रेणियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने , एसीपी में लगाई जा रही शर्तों को हटाकर 8-16-24 की बजाय 4-8-16 साल सेवा के उपरांत प्रदान करने, पेंशनर्स की 65-70-75 साल की आयु उपरांत बेसिक पेंशन में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की मांग की गई।
ये रहे मौजूद
बैठक में नरेश कुमार शास्त्री, धर्मबीर फोगाट, कोषाध्यक्ष राजेंद्र बाटू, सुरेश नौहरा, इंद्र सिंह बधाना, संदीप सांगवान, बिजेंद्र सिंह बेनीवाल, मांगेराम तिगरा, सुरेश राठी, विजय मलिक, नरेश कुमार, धर्मेंद्र ढांडा, जरनैल सिंह, सरबत पूनिया, जयवीर चहल, मुकेश खर्ब, कृष्ण शर्मा, रानी गहलावत, सहदेव, शिव चरण, शारदा, विजेंदर सिंह, सुमित ऋषि, मंगत राम व महेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।