खरीद के कमीशन में कटौती पर कर्मचारियों में रोष
कमीशन कर्मी हड़ताल पर, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
खरीद के कमीशन में कटौती करने पर कर्मचारियों से रोष है, इसलिए कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में 3 दिनों से हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों ने प्रदेश महामंत्री के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कुरुक्षेत्र में जिला प्रबंधक को सौंपा, ज्ञापन में कहा गया कि हैफेेड के अंतर्गत प्रदेश में मंडी स्तर पर 69 सहकारी विपणन समितियां कार्यरत हैं, जो सरकारी फसल खरीद कार्य को मंडी स्तर पर पूर्ण करवाने में विशेष भूमिका निभाती हैं। भारत सरकार की नई सहकार नीति, जिसमें मंडियों में बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करने में इनका बड़ा योगदान हो सकता है।
उदाहरण के लिए नैफेड द्वारा सरसों खरीदी जाती है, उस समय यह समितियां सीधे तौर पर काम करती हैं अर्थात सरकार को बिचौलियों को कमीशन नहीं देना पड़ता। इसके अतिरिक्त यह समितियां किसानों को खाद, बीज, दवाइयां, उपभोक्ता वस्तुओं के वितरण का कार्य भी करती हैं, जिसमें बाजार भाव नियंत्रित रहता है।
कर्मचारियों की मुख्य मांगों में 7 मांगें शामिल हैं। इनमें से मुख्य मांग पिछले 30-35 वर्षों से धान फसल खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर 0.25 प्रतिशत की दर से कमीशन, जो कि 5.80 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से समितियों को मिल रहा था, उसे हैफेड के प्रशासक मंडल ने बिना समितियों का पक्ष जाने 15 सितंबर की बैठक में प्रस्ताव पारित करके 1.33 रुपए प्रति क्विंटल की दर से फिक्स कर दिया है, उसे तत्काल वापस लिया जाए।