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कर्मचारियों–पेंशनरों को मिलेगा पूरा कैशलेस इलाज

सरकार ने सिविल सर्जनों को दिए सख्त निर्देश

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आयुष्मान भारत–हरियाणा स्वास्थ्य संरक्षण प्राधिकरण ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कहा है कि राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को समग्र कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का लाभ बिना किसी बाधा के मिलना चाहिए। अधिकारियों ने इस योजना को पूरी तरह लागू कराने के लिए जिलों को सख्त निर्देश दिए हैं।

सरकार ने पिछले वर्ष पहली नवंबर, 2023 को यह सुविधा बागवानी और मत्स्य पालन विभाग के कर्मचारियों के लिए शुरू की थी। इसके बाद सरकारी पत्र के माध्यम से इसे पूरे हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों तक विस्तारित कर दिया गया। अब प्राधिकरण इस योजना को जमीनी स्तर पर मजबूती से लागू कराने के लिए सक्रिय मोड में है। प्राधिकरण ने अपने पत्र में जानकारी दी है कि महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के साथ सूचीबद्ध 447 अस्पताल पहले ही एच. ई. एम. दो दशमलव शून्य पोर्टल पर ऑनबोर्ड किए जा चुके हैं।

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सिविल सर्जनों को आदेश दिया गया है कि वे अपने जिले में मौजूद ऐसे सभी अस्पतालों को तुरंत निर्देशित करें, जो डी. जी. कार्यालय के साथ सूचीबद्ध हैं, कि वे सी. सी. एच. एफ. ई. योजना का चयन करते हुए एच. ई. एम. पोर्टल पर अपना सूचीकरण आवेदन जमा करें।

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प्राधिकरण ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अलग से किसी अस्पताल का कैशलेस योजना के तहत सूचीकरण नहीं किया जाएगा। केवल डी. जी. कार्यालय के साथ सूचीबद्ध अस्पताल ही मान्य होंगे। आदेश में सिविल सर्जनों को कहा गया है कि वे अपने जिले में शेष अस्पतालों का आवेदन भी जल्द से जल्द एच. ई. एम. पोर्टल पर जमा करवाएं, ताकि कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रित बिना किसी परेशानी के कैशलेस इलाज सुविधा का लाभ उठा सकें।

अधिकारियों ने जोर देते हुए कहा है कि जिले के सभी पात्र लाभार्थियों को इस योजना के तहत समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना सिविल सर्जनों की जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही योजना के उद्देश्य को प्रभावित कर सकती है, इसलिए इसे गंभीरता से लेने को कहा गया है।

केवल पोर्टल पर प्राप्त आवेदन पर ही होगा निर्णय

सरकारी आदेश पत्र में यह भी साफ किया गया है कि अस्पतालों का सूचीकरण केवल एच. ई. एम. पोर्टल पर प्राप्त आवेदन के आधार पर होगा। डी. जी. कार्यालय के साथ सूचीकरण ही अस्पताल की पात्रता का मुख्य आधार माना जाएगा। अलग से किसी अस्पताल को कैशलेस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। लाभार्थियों को उपचार प्राप्त करने में किसी भी प्रकार का अवरोध न आए, यह सुनिश्चित किया जाए।

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