आठवें वेतन आयोग को लेकर लामबंद हुए कर्मचारी संगठन
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने घोषणा के तीन महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद आठवें पे कमीशन की अधिसूचना जारी न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि अब बिना किसी देरी के अधिसूचना की जाए। उन्होंने कहा कि अधिसूचना जारी न होने से केंद्र एवं राज्य सरकार के करोड़ों कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की और से 16 जनवरी, 2025 को आठवें पे कमीशन का गठन करने का ऐलान किया था। उल्लेखनीय है कि आठवें पे कमीशन की सिफारिशों को पहली जनवरी, 2026 से लागू किया जाना है। तीन महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद अधिसूचना जारी न होने से कर्मचारियों के मन में कई प्रकार की शंकाएं पैदा हो रही हैं। सरकार ने घोषणा करते हुए दावा किया था कि सिफारिशों को पहली जनवरी, 2026 से लागू कर दिया जाएगा।
लाम्बा ने कहा कि अभी तक अधिसूचना जारी न होने से ऐसा संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है। केंद्र सरकार ने अभी तक टर्म ऑफ रेफरेंस को भी मंजूरी नहीं दी है। आठवें पे कमीशन के ट्रम ऑफ रेफरेंस में ठेका कर्मियों का वेतन निर्धारण करना भी शामिल करने की मांग की है। लांबा ने कहा कि सरकार से संसद में इस संबंध में सवाल किया गया था। इसके जवाब में कहा गया कि आयोग की अधिसूचना, अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति तथा समय रेखा पर निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा। इस जवाब से मामला लटकता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने अभी तक कोविड-19 में फ्रीज किए 18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज नहीं किया है। उन्होंने कहा कि आठवें पे कमीशन की नोट जारी करने की बजाय पेंशन भोगियों को आठवें पे कमीशन की सिफारिशों के अनुसार पेंशन रिवीजन को रोकने के लिए 25 अप्रैल को वित्त विधेयक के द्वारा अधिकार प्राप्त करने का काम किया है। जिसको लेकर पेंशन भोगियों में भारी आक्रोश है।