आपातकाल लोकतंत्र पर हमला था: बराला
हिसार, 25 जून (हप्र)राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला ने कहा कि 25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने इसे संविधानिक हिंसा और लोकतंत्र की हत्या का दिन बताते हुए कहा कि इस दिन आपातकाल लगाकर देश के लोकतांत्रिक ढांचे को तहस-नहस करने की साजिश रची गई थी।
हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बराला ने कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हो रहे जन आंदोलनों से बौखलाकर 25 जून की रात आपातकाल थोप दिया गया। उसी दिन दिल्ली में एक ऐतिहासिक रैली हुई थी और रातोंरात देशभर के प्रमुख नेताओं को जेल में डाल दिया गया।
बराला ने बताया कि अखबारों पर सेंसरशिप लगाई गई, प्रेस के बिजली कनेक्शन काटे गए, और मीसा के तहत नेताओं को जेल में यातनाएं दी गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान नसबंदी जैसे अमानवीय कदमों से कई जानें गईं, और संविधान से छेड़छाड़ कर बाबा साहब अंबेडकर के योगदान का अपमान किया गया। इस मौके पर जिला अध्यक्ष डॉ. आशा खेदड़, मेयर प्रवीण पोपली, पूर्व विधायक अनूप धानक व अन्य मौजूद रहे।