गन्नौर, 27 अप्रैल (निस)
बिजली निगम के ग्रामीण कार्यालय के हेड कैशियर द्वारा किए गये कथित गबन के मामले में आॅडिट पूरा हो गया है। आॅडिट में करीब 60 लाख रुपये का घपला सामने आया है। इसके अलावा गबन की गयी राशि का करीब 30 लाख रुपये ब्याज भी जोड़ा गया है। इस वजह से हेड कैशियर पर कुल 90 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है। बृहस्पतिवार को निगम जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंप देगा। इसके बाद आरोपी हेड कैशियर को गिरफ्तार किया जा सकता है।
आरोप है कि हेड कैशियर राजेंद्र सिंह ऑनलाइन गड़बड़ करता था। इस मामले में शिकायतें मिलने पर बिजली निगम ने स्पेशल आॅडिट करवाया, जिसमें हेराफेरी सामने आई। इसके बाद राजेंद्र सिंह के खिलाफ सिटी चौकी पुलिस में गबन का केस दर्ज कराया गया और उसे निलंबित कर दिया गया।
निगम के एसडीओ प्रदीप राणा ने बताया कि निगम की आॅडिट प्रक्रिया पूरी हो चुका है, जिसमें ब्याज सहित करीब 90 लाख रुपये का गबन सामने आया है। वहीं जांच अधिकारी एएसआई सतपाल ने बताया कि पुलिस ने निगम से रिकार्ड मांगा है। जैसे ही रिकाॅर्ड मिलेगा, उसके आधार पर पुलिस आगामी कार्रवाई करते हुए आरोपी हेड कैशियर को गिरफ्तार करेगी।
ट्रांसफर के बाद भी की हेराफेरी
निगम द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि हेड कैशियर लंबे समय से गन्नौर में कार्यरत था। इस बीच करीब सवा साल के लिए उसका ट्रांसफर भी हुआ था, उसके बाद भी उसका गड़बड़झाला बंद नहीं हुआ। उसकी जगह सीट पर आए हेड कैशियर को काम सिखाने के बहाने वह बीच-बीच में गन्नौर कार्यालय आता था और सीट पर बैठ कर उपभोक्ताओं के बिजली बिल के रुपये जमा करता था और इसकी कुछ राशि अपने पास रख लेता था।