हरेंद्र रापड़िया/निस
सोनीपत, 30 जुलाई
टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा ले रहीं महिला पहलवान खेल गांव में मुख्य कोच की देखरेख में जीत के दांव सीख रहीं है। कोरोना के दौर में खुद को सुरक्षित रखते हुए कड़ा अभ्यास करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। मगर इन सब बातों से विचलित हुए बिना पहलवानों का सिर्फ एक ही लक्ष्य है, देश को पदक दिलाना। आलम यह है कि किसी भी स्पर्धा में भारतीय खिलाड़ी के अगले दौर में पहुंचने की खबरभर से महिला पहलवानों का हौसला दोगुना हो जाता है। हरियाणा की महिला पहलवानों का पहला मुकाबला 3 अगस्त को होना है। पहलवान सीमा बिसला (50), विनेश फौगाट (53), अंशु मलिक (57), सोनम मलिक(62) किलोग्राम भारवर्ग में दंगल में उतरेंगी।
खेल गांव में मुख्य कोच कुलदीप मलिक की अगुवाई में कड़ा अभ्यास कर रही हैं। कोच राजीव तोमर भी इसमें साथ दे रहे हैं। इस क्रम में महिला पहलवान सुबह करीब 2 घंटे तक वार्मअप, रनिंग और जिम करती हैं। उसके बाद शाम को खेल गांव प्रशासन द्वारा अलॉट मेट पर 4:30 बजे से 6:30 बजे तक पसीना बहाती हैं। हालांकि टोक्यो खेल गांव में कोरोना गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इसके बावजूद भी खिलाड़ियों को अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए सतर्कता बरतनी पड़ रही है। सभी मुकाबले इंडोर स्टेडियम में होने हैं, लेकिन टोक्यो की गर्मी और उमस भरे मौसम से खिलाड़ियों पर असर पड़ रहा है, लेकिन भारतीय महिला पहलवानों का अंतिम अभ्यास शिविर सोनीपत में था, जहां का तापमान टोक्यो से मिलता जुलता है। आजकल टोक्यो का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस और आर्द्रता 90 से 94 फीसदी के बीच बनी हुई है। ठंडे देशों से आने वाली महिला पहलवान इस मौसम में अपने आपको असहज महसूस कर रही हैं। यह मौसम भारतीय दल के लिए प्लस प्वाइंट रहेगा।
साक्षी मलिक ने दिखाई थी जीत की राह
2016 रियो ओलंपिक में महिला पहलवान साक्षी मलिक ने देश के लिए पहला पदक जीतकर महिला पहलवानों के लिए नए रास्ते खोल दिए थे। रियो ओलंपिक में भी कुलदीप मलिक ही भारतीय महिला कुश्ती टीम के मुख्य कोच थे। मुख्य कोच मलिक के मार्गदर्शन में साक्षी की मेहनत ने महिला कुश्ती में नए आयाम स्थापित किए थे। इस बार भी भारतीय महिला कुश्ती टीम के मुख्य कुलदीप मलिक और उनकी टीम से देश को काफी उम्मीदें हैं।
‘खिलाड़ी के लिए किसी बड़ी प्रतियोगिता में उतरने से पहले शारीरिक फिटनेस के अलावा मानसिक तौर पर मजबूत होना बेहद जरूरी है। खिलाड़ी के दिलोदिमाग पर प्रतियोगिता का दबाव नहीं होना चाहिए। अगर खिलाड़ी दबाव मुक्त रहता है तो समझ लो कि वह जीत की ओर कदम बढ़ा रहा है। भारतीय महिला पहलवान इन मापदंडों पर पूरी तरह से खरा उतर रही हैं।’
(टोक्यो से मुख्य कोच कुलदीप मलिक ने फोन पर दैनिक ट्रिब्यून को जैसा बताया)