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अटेली में ‘हाथी’ ने दिखाया दम, भाजपा को चबवा दिये नाको चने

15 राउंड की गिनती में हारती रहीं, आखिर के 3 राउंड में लीड लेकर जीतीं आरती

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राव इंद्रजीत सिंह, ठाकुर अतरलाल, आरती सिंह राव
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मंडी अटेली, 10 अक्तूबर (निस)

इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन करके हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) यूं तो अपना खाता नहीं खोल पाई, लेकिन कुछ सीटों पर हाथी ने अच्छा दम दिखाया तथा उसने 1.82 वोट प्रतिशत लेकर चौथे नंबर का राजनीतिक दल रहा।

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बसपा ने इनेलो के साथ गठबंधन कर 35 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं प्रदेश की अटेली सीट पर बसपा प्रत्याशी जीत के बेहद करीब पहुंच गये लेकिन अंतिम तीन राउंड में भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने बढ़त हासिल की।

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दोपहर तक बसपा प्रत्याशी ठाकुर अतरलाल सबसे आगे थे और तब तक भाजपा के इस दिग्गज की साख दांव पर लगी रही।

लोकसभा के चुनावों की तरह गुरुग्राम लोकसभा से दोपहर तक कांग्रेस प्रत्याशी से पीछे रहे लेकन दोपहर बाद अपने प्रतिद्वंदी पर बढ़त बनाकर 75 हजार वोटों से जीत हुई थी, जबकि 2019 के चुनावों में बड़े अंतर सेे जीते थे।

भले ही केंद्रीय राज्य मंत्री के समर्थक विधानसभा क्षेत्रों में बड़े अंतर से जीतने में कामयाब हुए है लेकिन उनकी बेटी की जीत का अंतर मामूली होने से उनकी लोकप्रियता को कम आंका जा रहा है। अटेली विधानसभा से 4 माह पहले हुए लोकसभा के चुनावों में भाजपा के सांसद चौ. धर्मबीर ने 19 हजार की लीड हासिल की थी। हालांकि, अंत में हाथी की चाल कुछ धीमी पड़ी और दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। यह दिलचस्प मुकाबला हुआ महेंद्रगढ़ जिले की अटेली सीट पर।

ऐसे टक्कर देते रहे अतरलाल

भाजपा ने यहां दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव को टिकट दिया था। आरती का यह पहला चुनाव उनके लिए बेहद मुश्किल रहा। बसपा के अत्तर लाल ने यहां बेहद मजबूत लड़ाई लड़ी। दोपहर तक वह लगातार आगे चलते रहे। बाद में वह आरती से पिछड़ गए। बसपा को इस सीट पर 54652 वोट मिले। आरती राव से 3085 वोटों से चुनाव हार गए। यहां कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस की अनीता यादव को 30 हजार वोट मिले। अतर लाल भले ही चुनाव हार गए लेकिन उन्होंने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी को कड़ी टक्कर देकर प्रदेश भर में अपनी खास पहचान बनायी है। राव दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता हैं और मुख्यमंत्री पद के लिए भी दावेदारी पेश करते इंद्रजीत सिंह की साख को मुश्किलों में डाला उसकी खूब चर्चा हो रही है। अतरलाल तीन चुनाव अटेली से लड़ कर अपनी एक लोकप्रिय नेता के रूप में खास पहचान बनायी है। ठाकुर अतरलाल ने कहा कि विगत चुनावों में भी उनकी काउंटिंग को घंटों रोका गया उसके बाद उसकी लीड कम होने लगी है, जबकि वह 15 राउंड तक लीड कर रहे थे। अनेक ईवीएम की बैटरियां लो व अधिक मिली थी। उन्होंने चुनाव आयोग मेें सभी प्रमाण जुटा कर अपना पक्ष रखने के लिए विशेषज्ञों से रायशुमारी कर रहे हैं।

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