चंडीगढ़, 25 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में बिजली विभाग की ओर से पिछले करीब डेढ़ साल में चलाए गए अभियान के दौरान 18 फीसदी से अधिक उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बिजली चोरी करते पकड़े गए हैं। टीमों द्वारा छह बड़े छापे मारे गए हैं, जिनमें 1.27 लाख बिजली कनेक्शन की जांच की गई और लगभग 23,000 बिजली चोरी के आरोप में पकड़े गए। बिजली चोरों को कुल 84 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अहम बात यह है कि बिजली मंत्री इस अवधि में चार बार बिजली चोरों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर चुके हैं। चारों ही बार की यह मुहिम पूरी तरह से गोपनीय रही। बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी तभी पता लगा जब छापेमारी हुई। प्रदेश सरकार की मंजूरी के बाद फरवरी-2021 में पहली छापेमारी करते हुए दो दिनों में विभाग की 236 टीमों द्वारा 7,710 कनेक्शनों की जांच की गई। इनमें से करीब 35 प्रतिशत यानी 2735 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए।
इन्हें दस करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया। जुलाई 2021 में दो दिनों के लिए 507 टीमों द्वारा इसी तरह की कार्रवाई की गई तो 30 हजार से अधिक बिजली मीटरों की जांच की गई और 6,000 से अधिक में चोरी पाई गई। उस समय बिजली चोरी करते पाए जाने पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। ताजा कार्रवाई में 15 जुलाई को 495 टीमों ने 19,789 उद्योगों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की और 3,005 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ी। इस तरह की छापेमारी अधिक होने के साथ कुल निरीक्षण किए गए उद्योगों में बिजली चोरी करते पाए जाने वाले उद्योगों का प्रतिशत फरवरी 2021 में 35 प्रतिशत से घटकर इस महीने 15 प्रतिशत हो गया है।
आपूर्ति में सुधार व राजस्व में वृद्धि मकसद : रणजीत
बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने बताया कि हरियाणा में इस तरह की कवायद पहले कभी नहीं हुई। इसका मकसद बिजली आपूर्ति में सुधार के अलावा राजस्व में वृद्धि करना है। राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से बिजली और सिंचाई पर निर्भर है। बिजली अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि औद्योगिक क्षेत्र में विकास बिजली की आपूर्ति से ही होगा।
किस वर्ष कितनी चोरी
माह मीटर जांचे चोरी के केस
फरवरी 2021 07710 2735
जुलाई 2021 30059 6040
अक्तूबर 2021 32397 5677
दिसंबर 2021 19646 2846
अप्रैल 2022 17734 2692
जुलाई 2022 19789 3005