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नहीं बढ़ेंगे बिजली के रेट, पुरानी दरें ही रहेंगी लागू

प्रदेश के साढ़े 78 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 6 मार्च

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हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। राज्य में इस साल भी बिजली के रेट नहीं बढ़ेंगे। यानी प्रदेश में पुराना रेट टैरिफ ही लागू रहेगा। हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों की दलील और जनसुनवाई के बाद बुधवार को हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने अपना फैसला सुनाया। मनोहर सरकार ने पिछले नौ वर्षों से बिजली की दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है। अब दसवें वर्ष भी पुरानी दरों के हिसाब से ही उपभोक्ताओं को भुगतान करना होगा। एचईआरसी के इस फैसले से राज्य के 78 लाख 57 हजार 142 बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है। घरेलू ही नहीं, गैर-घेरलू और कमर्शियल टैरिफ में भी किसी तरह का बदलाव आयोग ने नहीं किया है। आयोग ने उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से दायर की गई वार्षिकी राजस्व आवश्यकता (एआरआर) की याचिका पर जनसुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 के सेक्शन-62 में मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आयोग ने यह राहत दी है।

आयोग के ये आदेश पहली अप्रैल से लागू होंगे। एचईआरसी चेयरमैन नंदलाल शर्मा, सदस्य (तकनीकी) नरेश सरदाना, सदस्य (विधि) मुकेश गर्ग ने विस्तृत निर्णय सुनाते हुए दोनों बिजली कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे परिचालन दक्षता में सुधार लाएं और एग्रीग्रेट ट्रांसमिशन एंड कॉमर्शियल लॉस (एटी एंड सी) को 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करें। यहां बता दें कि आयोग ने निगमों की याचिकाओं पर 8 फरवरी को जनसुनवाई की थी।

निगमों को मिले 44263 करोड़

आयोग ने दोनों बिजली कंपनियों की सालाना वित्तीय जरूरतों के लिए 44 हजार 263 करोड़ 27 लाख रुपये से अधिक की मंजूरी दी है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के लिए 18 हजार 620 करोड़ 91 लाख तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के लिए 25 हजार 642 करोड़ 36 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।

किसानों को 5941 करोड़ की सब्सिडी

हरियाणा में किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली आपूर्ति की जा रही है। हालांकि निगमों को पूरा पैसा मिलता है, लेकिन इसका भुगतान सरकार की ओर से किया जाता है। कृषि क्षेत्र के लिए आयोग ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार की ओर से 5 हजार 941 करोड़ 17 लाख रुपये की सब्सि­डी दी जाएगी। पिछले वर्ष के मुकाबले इस पर सब्सिडी का बोझ 109 करोड़ रुपये कम होगा।

चार्जिंग स्टेशन के लिए मिलेगी सस्ती बिजली

प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की सरकार की सोच को आयोग ने भी पसंद किया है। इसी वजह से आयोग ने ईवी वाहनों के लिए लगने वाले चार्जिंग स्टेशन को रियायती टैरिफ की मंजूरी दी है।

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