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इन्द्री मानदेय कम दिये जाने पर चुनाव कर्मियों ने किया हंगामा

गुंजन कैहरबा/निस इन्द्री, 31 मई लोकससभा चुनाव में इन्द्री विधानसभा में ड्यूटी देने वाले सैकड़ों कर्मचारियों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी उन्हें निर्धारित से कम मानदेय देने लगे। उन्होंने कार्यालय के द्वार पर जोरदार...

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इन्द्री स्थित एसडीएम कार्यालय के द्वार पर शुक्रवार को रोष जताते चुनाव ड्यूटी देने वाले विभिन्न विभागों के कर्मचारी। -निस
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गुंजन कैहरबा/निस

इन्द्री, 31 मई

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लोकससभा चुनाव में इन्द्री विधानसभा में ड्यूटी देने वाले सैकड़ों कर्मचारियों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी उन्हें निर्धारित से कम मानदेय देने लगे। उन्होंने कार्यालय के द्वार पर जोरदार हंगामा व जमकर नारेबाजी की और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। कर्मचारियों ने करनाल पहुंच कर अतिरिक्त उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर पूरा मानदेय प्रदान करने और मामले की उच्च स्तरीय जांच करने सहित कार्रवाई करने की मांग उठाई।

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इन्द्री विधानसभा क्षेत्र में चुनाव ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को इन्द्री एसडीएम कार्यालय में मेहनताना प्राप्त करने के लिए बुलाया गया था। कर्मचारी संजय कुमार, प्रमिला देवी, परमिंदर कौर, विक्रम, पवन कुमार व कुलदीप आदि ने बताया कि चुनाव में सभी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी जिसमें दो दिन ट्रेनिंग व 2 दिन मतदान के समय ड्यूटी लगी थी। जिसमें बूथ पर चुनाव सम्पन्न करवाने वाले कर्मचारियों में पीठासीन अधिकारी को 1700 रुपए, सहायक पीठासीन अधिकारी को 1300 रुपए, मतदान अधिकारियों को 1050 रुपये के हिसाब से मानदेय की अदायगी की जानी थी, लेकिन एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा पीठासीन अधिकारी को 700 और सहायक पीठासीन अधिकारी व मतदान अधिकारी को 500 के हिसाब से मानदेय दिया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टचार उजागर न हो इसलिए कर्मचारियों को करनाल की बजाय इंद्री में मानदेय लेने के लिए बुलाया गया जबकि अन्य हलकों के कर्मचारियों को करनाल में मानदेय दिया जा रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि इन्द्री विधानसभा क्षेत्र को छोड़ कर करनाल लोकसभा क्षेत्र सहित पूरे हरियाणा के कर्मचारियों को सरकार की पॉलिसी के मुताबिक 1700, 1300, 1050 के हिसाब से अदायगी की जा रही है। जब कर्मचारियों ने रोष जताया तो मानदेय प्रदान कर रहे एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों ने कहा कि वे भी कर्मचारी हैं। एसडीएम के आदेशों से ही वे मानदेय दे रहे हैं। जैसा उन्हें आदेश हुआ है, वैसा वे कर रहे हैं। एसडीएम के कार्यालय में नहीं होने के कारण कर्मचारियों का गुस्सा और अधिक बढ़ गया।

मामले की करवाई जायेगी जांच : अतिरिक्त उपायुक्त

इस बारे में जब अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में अभी मामला आया है। मामले की जांच की जाएगी। पत्रकारों ने एसडीएम अशोक कुमार से संपर्क करना चाहा, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

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