चुनाव आयोग ने बूथ लेवल अधिकारियों के पारिश्रमिक को किया दोगुणा
बीएलओ पर्यवेक्षकों, ईआरओ और एईआरओ को भी मिलेगा संशोधित मानदेय
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हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए़ श्रीनिवास ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने के अपने दायित्व को पूरी गंभीरता से निभा रहा है। इसी कड़ी में आयोग द्वारा अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को समुचित सम्मान देने और उनके परिश्रम का उचित प्रतिफल सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बूथ लेवल अधिकारियों के वार्षिक पारिश्रमिक को दोगुना किया है।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूची लोकतंत्र की आधारशिला होती है। इसकी शुद्धता सुनिश्चित करने में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, बीएलओ पर्यवेक्षक और बूथ लेवल अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये अधिकारी चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सटीक बनाए रखने के लिए जमीनी स्तर पर अथक मेहनत करते हैं।
आयोग ने बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के वार्षिक पारिश्रमिक को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये, मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में भाग लेने वाले बीएलओ को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को 1 हजार से बढ़ाकर 2 हजार रुपये की है। इसी तरह बीएलओ पर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक में भी संशोधन करते हुए 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये वार्षिक किया है।
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पहली बार आयोग ने निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के लिए भी मानदेय निर्धारित किया है। इसमें ईआरओ को 30 हजार रुपये तथा एईआरओ को 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। श्रीनिवासन ने बताया कि यह संशोधन वर्ष 2015 के बाद पहली बार किया है। आयोग ने बिहार से प्रारंभ होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए बीएलओ हेतु 6 हजार रुपये के विशेष प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी थी।
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