रोहतक, 15 सितंबर (हप्र/निस)
इसे 102 वर्षीय बुजुर्ग दुलीचंद की बारात का असर कहें या मुख्यमंत्री की सहृदयता। उन्होंने रोहतक में जनता दरबार के दौरान पेंशन शुरू करवाने की फरियाद लेकर पहुंची एक बुजुर्ग महिला को अपनी जेब से 2500 रुपए देते हुए कहा कि लो इस महीने की पेंशन और अगले महीने से घर आ जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि जिन बुजुर्गों की पेंशन गलत तरीके से कटी है, उनकी पेंशन तुरंत शुरू कर दी जाए। वहीं मुख्यमंत्री ने नई पेंशन शुरू होने तथा पेंशन कटने से संबंधित सूचना सरकार द्वारा एसएमएस से शीघ्र लाभार्थियों को देने के भी निर्देश दिए। वहीं पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्धारित मापदंडों के अनुसार 2 लाख रुपए वार्षिक आय वाले बुजुर्गों को वृद्धावस्था सम्मान पेंशन नहीं लेनी चाहिए। इसी प्रकार पूर्व सैनिकों को भी इस पेंशन का लाभ नहीं मिलता।
मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को यहां विकास सदन में जनसंवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले के 160 लोगों की पेंशन कटी थी, जिनमें से 90 की बन गई है। बचे हुए 70 लोगों की पेंशन आज शाम तक बन जाएगी और अगले महीने सब को पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।
ऐसे उठा पेंशन का मामला
मुख्यमंत्री के सामने पेंशन बहाल करवाने की मांग को लेकर पहुंची 60 वर्षीय पाड़ा मोहल्ला निवासी पिंकी ने बताया कि पिछले 7 माह से उसकी पेंशन बंद है। जिस पर मुख्यमंत्री ने पिंकी से पूछा कि क्या उसका गुजारा चल रहा है तो उसने कहा कि लोगों की मदद से गुजारा हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने अपनी जेब से 2500 रुपए निकाल कर महिला को दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 101 जनसमस्याओं को सुना और अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।
जनसंवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में स्कूल बंद और शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि ट्रांसफर इसलिए किए गए हैं कि वे एक दिन में दो ही पीरियड ले रहे थे जबकि एक टीचर को कम से कम महीने में 30 पीरियड लेने होते हैं। जहां-जहां टीचर ज्यादा थे, वहां से जहां पर कम थे वहां ट्रांसफर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने स्कूल बंद नहीं किए बल्कि मर्ज किए हैं। एक साइंस का टीचर मैथ भी पढ़ा सकता है और सोशल साइंस का टीचर इंग्लिश, हिंदी पढ़ा सकता है। हरियाणा में आतंकी गतिविधियां बढ़ने और कैथल में आरडीएक्स मिलने पर मुख्यमंत्री बोले, हमारी सरकार पूरी तरह सर्तक है पिछले साल भी कई लोग पकड़े गए मगर हमने कोई बड़ा हादसा होने नहीं दिया है। वहीं नगर परिषद व नगर पालिका चेयमैन को अब चैक साइन करने की पावर नहीं मिलेगी। इस बाबत मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तो यहां तक कह दिया कि प्रदेश के वित्तमंत्री होने के नाते वे एक लाख 70 हजार करोड़ का बजट पारित करते हैं, लेकिन चैक साइन करने की पावर तो उनके पास भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के यह काम नहीं होते, उन्हें विकास कार्यों पर फोकस करना चाहिए।
जनता दरबार में किया सांसद समर्थक ने हंगामा
मुख्यमंत्री दरबार के दौरान रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा के समर्थक माने जाने वाले भाजपा नेता एवं गौड़ ब्राह्मण शिक्षण संस्थान के पूर्व प्रधान आजाद अत्री भी फरियादियों की लाइन में लगकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि गौड़ संस्था का चुनाव नहीं हो रहा जनाब। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें लिखित में देने को कहा, मगर अत्री इसी बात को बार-बार दोहराते रहे। मुख्यमंत्री उन्हें नियम समझाने लगे तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिसकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाल दिया। इस दौरान आजाद अत्री के भतीजे एवं रेलवे बोर्ड के सदस्य मोनू अत्री ने मुख्यमंत्री को कहा कि जब उन्होंने जनता की आवाज सुननी नहीं है तो फिर एप्लीकेशन का ढिंढोरा क्यों कर रहे हैं। जिस समय आजाद अत्री व मुख्यमंत्री के बीच कहासुनी हुई उस समय रोहतक के सांसद डॉ. अरविंद शर्मा कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे। वे मामले के कुछ देर बाद पहुंचे। वहीं जनता दरबार में एडवोकेट आजाद अत्री एवं एडवोकेट मोनू अत्री के प्रति मुख्यमंत्री के व्यवहार की आलोचना करते हुए बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को कोर्ट में वर्क सस्पेंड किया है। इस दौरान कार्य करने वाले वकील पर 11 हजार रुपये का जुर्माना किया जाएगा।
निंदाना के ग्रामीणों ने भी किया प्रदर्शन
रोहतक में जन संवाद कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री से मुलाकात न होने पर गांव निंदाना के ग्रामीणों ने रेस्ट हाउस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया व धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जन सुनवाई के दौरान सीएम को चकबंदी संबंधित शिकायत करने के लिए निंदाना गांव के सैकड़ों लोग पहुंचे थे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही। सीएम के कैनाल रेस्ट हाउस चले जाने के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने कैनाल रेस्ट हाउस के गेट के बाहर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। नाराज ग्रामीणों को समझाने के लिए एडीसी महिंदर पाल, एसडीएम राकेश कुमार ने बातचीत की लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। ग्रामीणों की शिकायत को सीएम के पास पहुंचाया तो उन्होंने एक महीने में काम पूरा करने का आश्वासन दिया। एसडीएम ने सीएम के आश्वासन के बारे में ग्रामीणों को बताया लेकिन ग्रामीण सीएम से मिलने की जिद पर अड़े रहे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि गांव के चकबंदी का काम बढ़िया तरीके से कराया जाएगा लेकिन अधिकारी अड़ंगा डाल रहे हैं।