भिवानी, 26 जून (हप्र)
टावरों के मुआवजे व ट्यूबवैल कनेक्शन की मांग को लेकर शनिवार को किसानों द्वारा राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे जाने तथा पंचकूला स्थित बिजली मुख्यायल के घेराव की कॉल के तहत जिला भर से किसान पंचकूला के लिए रवाना हुए। इसी के तहत गांव निमड़ीवाली से भी किसान भाकियू जिला अध्यक्ष राकेश आर्य के नेतृत्व में पंचकूला के लिए रवाना हुए। इस दौरान गांव निमड़ीवाली में जारी धरने की कमान बुजुर्गों व महिलाओं के हाथों में रही।
आज के धरने की अध्यक्षता कुलबीर बोहरा ने की। पंचकूला रवाना होने से पहले गांव निमड़ीवाली में हरियाणा बिजली वितरण निगम, पॉवर ग्रिड व जिला प्रशासन के तानाशाही रवैये के खिलाफ जारी धरने पर किसानों ने जमकर नारेबाजी की तथा टॉवरों का मुआवजा व ट्यूब्वैल कनेक्शन देने की मांग की।
वहीं, किसान न रुकेंगे और न ही पीछे हटेंगे। इस बात का ऐलान सांगवान खाप के कन्नी प्रधान सुरजभान सांगवान ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। कितलाना टोल अध्यक्ष मंडल के सदस्य और किसान नेता राजू मान ने कहा कि प्रदेश के कोने कोने से चंडीगढ़ राजभवन घेराव के लिए पहुंचे हजारों किसानों ने सरकार को आईना दिखा दिया है।
टीकरी बॉर्डर : किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च
झज्जर (हप्र) : टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर एक ट्रैक्टर मार्च निकाला। यह ट्रैक्टर मार्च बहादुरगढ़ के पकौड़ा चौक से शुरू होकर जाखोदा मोड़, सांखोल गांव से होते हुए बहादुरगढ़ शहर में इंटर किया। बीकेयू उग्राहां के नेतृत्व में निकलने वाले इस ट्रैक्टर मार्च का उद्देश्य लोगों को जागरूक कर अपने साथ जोड़ने और सरकार के प्रति रोष जाहिर करना है। किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन करना उनकी मजबूरी है। सरकार ने आंदोलन को फेल करने के यह कई कोशिशें की लेकिन हर बार सरकार विफल रही।
चंडीगढ़, दिल्ली से धरनास्थल पर लौटे किसान
सोनीपत (निस) : कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हजारों किसान शनिवार को राजभवन पर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए वाहनों में सवार दिल्ली व चंडीगढ़ में पहुंचे और राजभवन पर प्रदर्शन के बाद वापस कुंडली लौट आए। बॉर्डर से रवाना होने से पहले किसानों ने साफ कर दिया कि जिस तरह से सरकार का रवैया है, उसको देखते हुए अब आंदोलन को तेज किया जाएगा और कानून रद्द नहीं होने तक वह बॉर्डर से वापस नहीं जाएंगे।