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Eid-ul-Fitr 2025 : हर्षाे उल्लास से मनाया गया ईद-उल-फितर, मस्जिदों पर मुस्लिम वर्ग ने पढ़ी अमन की दुआ

त्योहार समाज को एक दूसरे से जोड़ने का करते हैं काम - सैयद अहमद खान
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अम्बाला शहर 31 मार्च (हप्र)

Eid-ul-Fitr 2025 : आज ईद-उल-फितर का त्यौहार बड़े हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया। शहर की सभी प्रमुख मस्जिदों में जिसमें शहर की मस्जिद तवक्कल शाह (जामा मस्जिद), मस्जिद लक्खी शाह, मक्का मस्जिद, मस्जिद ईदगाह, मस्जिद कचहरी, जंडली मस्जिद, बादशाही मस्जिद, रेलवे रोड मस्जिद में ईद की नमाज अता हुई और देश में अमन व शांति के लिए दुआ की गई।

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इस अवसर पर अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन सोसाइटी (स्थापना 1980) के जिला प्रधान सैयद अहमद खान ने तकरीर करते हुए बताया कि इस्लामी त्यौहार मानवता की सेवा व संदेश लेकर आते हैं और समाज साफ-सुथरा बनाते हैं। सैयद अहमद खान ने कहा कि ईद-उल-फितर का त्यौहार ईद से पहले एक महीने तक मुसलमान रोज़ा (व्रत) रखते हैं। जो एक महान तपस्या है। यह अल्लाह ताला की ओर से रोजे का बदला ईद के तौर पर देता है।

सैयद खान ने कहा कि इसलिए इस्लाम में समाज में सहानुभूति पैदा करने के लिए मानव मैत्री का संदेश दिया है। इसलिए इस्लाम में सदका-फितर नाम का एक नियम बनाकर विधवाओं, गरीबों, अनाथों और बेसहारा लोगों को संदेश दिया है। ताकि ये गरीब लोग भी ईद की खुशी में इनके साथ शामिल हों। सदका फितर उस पर बंदे पर लागू होता है। जिसके पास 640 ग्राम चांदी या 86 ग्राम सोना हो। जिसके अन्तर्गत घर के प्रत्येक सदस्य की ओर से दो किलो गेहूं या उसकी कीमत गरीब लोगों को देनी जरूरी है। इस नियम का उद्देश्य रोजों में होने वाले किसी कमी को दूर करना है।

सैयद अहमद खान ने कहा कि सही मायनों में ईद का त्यौहार तभी सार्थक होगा जब हम आज के दिन आपसी रंजिश भुलाकर सभी को अपने गले लगाकर, ऊंच-नीच, गरीब-अमीर की दूरियों को समाप्त कर दें। उन्होंने की ईद का त्योहार पर मीठी सेवइयां खाने से जुबान और दिल दोनों में मिठास भर जाती है। उन्होंने कहा कि ईद से साथ नवरात्रि का त्योहार भी चल रहा है जोकि समाज के सभी लोगों को आपस में भाईचारे के साथ रहने का संदेश देता है।

सैयद अहमद खान ने सभी को ईद के साथ- साथ नवरात्रों की भी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मुफ्ती मोहम्मद शहबाज कासमी, कमरुल इस्लाम, नासिर हुसैन, मा.शकील अहमद, कारी उजैर अहमद, कारी मोहम्मद राशिद, नौशाद हुसैन, असद अहमद, मोहम्मद शारिक, मोहम्मद सुहैल, शाहिद ठेकेदार, अब्दुल वली खान, नासिर हुसैन, गोल्डन राजपूत आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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