चंडीगढ़, 18 जनवरी (ट्रिन्यू)
प्रदेश सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आठवीं कक्षा तक किसी बच्चे को फेल नहीं करने के नियम को खत्म कर दिया है। अब पहले की तरह पांचवीं और आठवीं कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा होंगी जिसमें न्यूनतम अंक नहीं लेने वाले बच्चों को फेल भी किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. महावीर सिंह की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। संशोधित नियम के अनुसार सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की समाप्ति पर कक्षा पांचवीं और आठवीं की वार्षिक परीक्षाएं शिक्षा बोर्ड लेगा। अगर कोई बच्चा पांचवीं या आठवीं में पास नहीं होता है तो उसे परीक्षा पास करने के लिए अतिरिक्त पढ़ाई कराई जाएगी। परीक्षा परिणाम की घोषणा के दो महीने के भीतर उसकी फिर से परीक्षा होगी। यदि वह अतिरिक्त शिक्षण और पुन परीक्षा के लिए अवसर देने के बाद भी पास नहीं हो पाता है तो उसे उसी कक्षा में रखा जाएगा। संसद पहले ही आठवीं तक बच्चों को फेल नहीं करने वाले शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन पर मुहर लगा चुकी है। प्रदेश सरकारों को इस नीति के साथ रहने या नहीं रहने का विकल्प दिया है। नए नियमों में अगर कोई बच्चा पांचवीं या आठवीं कक्षा की मुख्य परीक्षा में पास नहीं होता है तो उसे दोबारा पेपर देना होगा।