कैथल, 13 जुलाई (हप्र)
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि जिला में ऐसा कोई भी बच्चा नहीं रहना चाहिए जो पढ़ाई से वंचित रहे। शिक्षा विभाग, बाल कल्याण विभाग तथा सामाजिक संस्थाएं इस कार्य को पूरे तालमेल से करें ताकि ऐसे परिवार जो बच्चों की पढ़ाई करवाने में असमर्थ हैं, उनको चिन्हित किया जाए। हमारा मकसद पढ़ाई से वंचित बच्चों की दोबारा से पढ़ाई को शुरू करवाना है और इस विषय को लेकर हमारे साझे प्रयास अति आवश्यक हैं। डीसी में झुग्गी-झोपड़ियों, भट्ठों व घुमंतू बच्चों के शिक्षा स्तर को सुधारने को लेकर समीक्षा बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दे रही थीं।
डीसी ने कहा कि सरकार द्वारा बेहतरीन शिक्षा के दृष्टिगत अनेक योजनाएं व परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। संबंधित विभाग और संस्था को चाहिए कि वे सरकार की योजनाओं को फलीभूत करें और ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, उनको पूरी तरह से जागरूक करके स्कूलों की तरफ मुख मोड़ें। उन्होंने समाजसेवी संस्था नर नारायण सेवा समिति द्वारा संदर्भित विषय को लेकर दिए जा रहे उल्लेखनीय योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सभी संस्थाओं को प्रशासन के साथ सहयोगात्मक रूप से काम करने की जरूरत है।
नर नारायण समिति ने डीसी को 17 ऐसे बच्चों की सूची भी दी जो प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे थे, लेकिन फीस नहीं भरने के चलते आगे स्कूल नहीं जा सके। इस विषय को लेकर मौके पर उपस्थित जब प्राइवेट स्कूल संचालकों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन पता चलना चाहिए कि संबंधित परिवार गरीब परिवार है। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिरोही, जिला बाल कल्याण अधिकारी बलबीर चौहान, रवि भूषण गर्ग, लषित जैन, जयना, राजेश गोयल के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी व प्राइवेट स्कूल संचालक मौजूद रहे।