पानीपत, 1 मार्च (निस)
यूक्रेन से शहर की दो छात्राएं लीशा वर्मा व पायल और समालखा का हर्ष सोमवार रात को अपने घर लौटे हैं। वहां एमबीबीएस कर रहे तीनों विद्यार्थी हंगरी के रास्ते दिल्ली पहुंचे। दिल्ली एयरपोर्ट से परिजन उनको रात को पानीपत लेकर आये। विद्यार्थियों के सकुशल वापस घर लौटने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है। तहसील कैंप की छात्रा लीशा वर्मा ने बताया कि यूक्रेन में हालात बहुत खराब हैं और वहां की सरकार भारतीय छात्रों की मदद नहीं कर रही है। यूक्रेन के लोगों का मानना है कि भारत सरकार रूस की समर्थक है। इसी वजह से वहां के लोग व सेना भारतीय छात्र-छात्राओं की मदद नहीं कर रहे। लीशा ने बताया कि वह अन्य विद्यार्थियों के साथ यूक्रेन के जकर पातिया शहर में फंसे हुए थे। वहां से भारतीय एंबेसी की बसों द्वारा हंगरी बॉर्डर तक सभी को लाया गया। बसों पर तिरंगा लगा हुआ था। इसलिये रास्ते में हंगरी बॉर्डर तक आने में उनको कोई ज्यादा परेशानी नहीं हुई। लीशा ने बताया कि वह और सेक्टर-18 की पायल यूक्रेन में एमबीबीएस के थर्ड ईयर में पढ़ती थी।