बराड़ा, 6 मई (निस)
कस्बा की अनाज मंडी व इसके अधीनस्थ उगाला व सरदाहेड़ी खरीद केंद्रों पर गेहूं के उठान की कछुआ गति के चलते व ठप पड़ने से प्रवासी मजदूरों के पसीने की गाढ़ी कमाई अटक गई है। प्रायः गेहूं की आवक मंडियों में अब न के बराबर अथवा नाममात्र ही रह गई है। अभी भी लाखों की संख्या में गेहूं के कट्टे उठान की इंतजार में पड़े हुए हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार हैफेड द्वारा खरीद की गई गेहूं का उठान धीमी गति से चलने के कारण स्थानीय भंडार गृहों में किया जा रहा था। अब भारत सरकार द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार सारे अंबाला जिला का गेहूं का उठान अचानक रोक दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि हैफेड के बजाय अब लगभग 7800 मीट्रिक टन गेहूं सीधे तौर पर एफसीआई के भंडार गृहों में रेल मार्ग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर भेजने का निर्णय किया गया है। इसके चलते अब स्पेशल लगने की प्रतीक्षा की जा रही है। भुगतान की परेशानी झेल रहे प्रवासी मजदूरों ने आज लामबंद होकर कृषि विपणन बोर्ड के कार्यालय के समक्ष एकत्रित होकर अधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत करवाया। प्रवासी मजदूर मोहम्मद लाला, हीरालाल, प्रमोद, राजिक, नौशाद, मितलेश, देव आदि ने बताया कि अनाज मंडी में गेहूं की आवक नाममात्र की होने के कारण उन्हें अब न तो काम मिल रहा है तथा जो काम कर चुके हैं, उठान में अनावश्यक विलंब के चलते न उनकी मजदूरी का भुगतान मिल पा रहा है।