करनाल, 23 मार्च (हप्र)
भ्रष्टाचार के आरोपी करनाल के डीटीपी विक्रम कुमार का पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में करनाल जेल भेज दिया है। उनके सहयोगी तहसीलदार को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
स्टेट विजीलेंस अब रिमांड के दौरान दोनों आरोपी अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ायेगी। डीटीपी विक्रम कुमार को लेकर अदालत में पहुंचे विजीलेंस इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने बताया कि पूछताछ हो चुकी है। डीटीपी के कब्जे से एक और कार भी बरामद हुई है। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया है कि उनकी प्राॅपर्टी कहां पर है, उसे वैरिफाई किया जायेगा। इधर, डीटीपी के वकील राजीव शर्मा ने कहा कि विजीलेंस ने आज अदालत से आगे का रिमांड नहीं मांगा। उन्होंने कहा कि डीटीपी को झूठे मामले में फंसाया गया है।
11 मार्च को किया था गिरफ्तार
डीटीपी को 11 मार्च को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था और तभी से वह रिमांड पर चल रहे थे। उनके आवासीय परिसर से जांच के दौरान चल-अचल संपत्तियों के ब्योरे सहित 78.64 लाख रुपये नकदी की रिकवरी भी की गई थी। इसी मामले में करनाल के तहसीलदार राजबक्श को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। विजीलेंस के अनुसार डीटीपी विक्रम कुमार के पास से जो 78.64 लाख रुपये नकदी बरामद हुई है, उसमें से साढ़े 14 लाख तहसीलदार राजबक्श के हैं। आरोप है कि तहसीलदार ने डीटीपी को यह राशि इनवेस्ट करने के लिए दी थी। डीटीपी आफिस से फाइल क्लीयरेंस के दौरान एनओसी की प्रक्रिया होती थी और दोनों अधिकारियों ने अवैध कालोनियों को विकसित करके करोड़ों रुपये कमाए और बिना एनओसी के राजिस्ट्रियां करके सरकार को भी करोड़ों को नुकसान पहुंचाया।