अरविंद शर्मा /निस
जगाधरी, 2 जून
गिरते भूजल स्तर की समस्या से बचने के लिए सरकार ने धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रूपये की राशि देने की योजना शुरू कर रखी है। 15-20 जून तक इसकी बिजाई का समय है,लेकिन अभी तक यह योजना तेजी पकड़ती नहीं दिख रही है। निर्धारित लक्ष्य में से अभी तक आधा भी पूरा नहीं हुआ है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारी समय रहते दिए गए लक्ष्य को पूरा कर लेने की बात कह रहे हैं। जिले में इस बार डीएसआर विधि से धान की बिजाई करवाने का कृषि विभाग को 6 हजार एकड़ का रकबे का टारगेट मिला है। इसे लेकर किसान को प्रति एकड़ चार हजार रूपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी। पहले एक किसान ढाई एकड़ तक ही इसका लाभ ले सकता था,लेकिन इस बार सरकार ने यह सीमा खत्म कर दी है। जानकारी के अनुसार इस बार जिले में धान की फसल का कुल रकबा 70 हजार हेक्टेयर है। इसमें से 6 हजार एकड़ में डीएसआर विधि से बिजाई की जानी है। अभी तक 1500 एकड़ में ही इस विधि से बिजाई हुई है। प्रोत्साहन राशि मिलने का प्रावधान होने के बाद भी किसान इसके प्रति ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
समय रहते टारगेट पूरा कर लिया जाएगा : डा. सैनी
कृषि विभाग के उप निदेशक डा. जसविंद्र सैनी ने बताया कि योजना के प्रति किसानों में दिलचस्पी बढ़ रही है। डीएसआर योजना के तहत 15 -20 जून तक सीधी बिजाई की जा सकती है। डा. सैनी ने बताया कि डीएसआर के तहत धान की बिजाई करने वाला किसी पोर्टल पर रजिस्ट्रड कराएगा। इसके बाद कृषि विभाग की कमेटी इसे वैरीफाई करेगी। पूरी जांच-पड़ताल के बाद प्रोत्साहन राशि किसान के बैंक खाते में भेजी जाएगी।