हिसार, 24 अप्रैल (हप्र)
होलसेल मेडिकल हॉल का लाइसेंस जारी करवाने के लिए आवेदक से 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी हिसार के पूर्व दवा नियंत्रक अधिकारी (डीसीओ) सुरेश चौधरी के मामले की जांच कर रहे विजिलेंस इंस्पेक्टर अनिल कुमार का सरकार ने पंचकूला तबादला कर दिया है।
अब इस मामले की जांच कौन कर रहा है, इसकी जानकारी विजिलेंस डीएसपी को भी नहीं है। हालांकि अदालत ने मामले के जांच अधिकारी को आगामी 12 मई को सुरेश चौधरी के खिलाफ की गई जांच की स्टेटस रिपोर्ट के साथ तलब किया है। यहां बता दें कि सुरेश चौधरी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अभी तक अनुमति नहीं दी है।
गत 21 अप्रैल को मामले की अदालत में सुनवाई हुई लेकिन विजिलेंस पुलिस सुरेश चौधरी के खिलाफ चालान पेश नहीं कर पायी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंगल की अदालत ने गत 14 अक्टूबर, 2022 को सुरेश चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी। इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि उनका पंचकूला में तबादला हो गया है, इसलिए यह जांच अब वे नहीं कर रहे हैं। जब विजिलेंस के डीएसपी राकेश मलिक से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके पास इस मामले की फाइल नहीं है। अब इस मामले की जांच कौन कर रहे हैं उनको इस बारे में जानकारी नहीं है।
ढाई माह पूर्व मांगी थी अनुमति : आरोपी डीसीओ सुरेश चौधरी के वॉयस सैंपल लेने के बाद करीब ढाई माह पूर्व विजिलेंस पुलिस ने मुकदमा चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेने के लिए पत्र लिख दिया था। इसके बाद आज तक सुरेश चौधरी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिली है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव की अनुमति का इंतज़ार
विजिलेंस पुलिस ने गत 14 अक्टूबर को मामले के दो आरोपी सिवानी निवासी चपरासी रामपाल व दादरी के जगराम बास निवासी चालक सुमित के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया। इसके बाद अदालत में दस बार मामले की सुनवाई हो चुकी है लेकिन मुख्य आरोपी सुरेश चौधरी के खिलाफ अभी तक चालान पेश नहीं किया जा सका है। इसी मामले में गत 17 मार्च, 2022 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय तेवतिया की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अनिल ने कहा था कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से मुकदमा चलाने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है। अनुमति मिलने के बाद सुरेश चौधरी के खिलाफ चालान प्रस्तुत किया जाएगा।