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Drug-free Haryana ‘ड्रग-फ्री हरियाणा’ की ओर प्रेरक पहल : फतेहाबाद पुलिस बनी बदलाव की मिसाल

फतेहाबाद मॉडल ने दी नशा मुक्ति को नई दिशा, देखभाल से लेकर पुनर्वास तक अपनाया मानवीय दृष्टिकोण
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 6 जून

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Drug-free Haryana हरियाणा सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘ड्रग-फ्री हरियाणा’ अभियान में फतेहाबाद पुलिस ने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। केवल तस्करी रोकना ही नहीं, बल्कि नशे के शिकार व्यक्तियों को पुनः मुख्यधारा में लाने के लिए जो ज़मीनी काम फतेहाबाद पुलिस ने किया है, वह एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुका है। जिले में लागू किया गया ‘केयर टेकर कोंसेप्ट’, डोर टू डोर काउंसलिंग, प्रेरणादायक जनसंवाद, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और जनसहभागिता की त्रिसूत्रीय रणनीति अब प्रदेश के लिए एक आदर्श बन चुकी है।

फतेहाबाद के एसपी की अगुवाई में पुलिस की विशेष ‘नशा मुक्ति टीम’ ने पीड़ित केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें SPO (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) को ड्रग पीड़ितों की नियमित निगरानी और सहारा देने की ज़िम्मेदारी दी गई है। हर 10 पीड़ितों पर एक SPO तैनात किया गया है, जो न केवल फोन पर संवाद बनाए रखते हैं, बल्कि इलाज के प्रति मोटिवेट भी करते हैं। संबंधित थाना स्तर से नियुक्त पुलिसकर्मी केयर टेकरों का सहयोग कर रहे हैं।

काउंसलिंग, योग और आयुर्वेद के मेल से उभर रहा नया रास्ता

फतेहाबाद पुलिस द्वारा गांवों और कस्बों में लगातार सेमिनार, नुक्कड़ सभाएं और प्रेरणात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन आयोजनों में टीम इंचार्ज द्वारा प्रस्तुत स्वरचित कविताएं, शॉर्ट फिल्में और अनुभव-साझा संवाद युवाओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने में कारगर रही हैं। नशा पीड़ितों से उनके घर जाकर संवाद किया जाता है, जहां उन्हें मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति के आधार पर सलाह दी जाती है। खानपान सुधार, घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक मालिश जैसी विधियों से बदलाव की बुनियाद रखी गई है।

जहां नशा पीड़ितों की संख्या अधिक पाई गई, वहां पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग और आयुष विभाग के सहयोग से विशेष नशा मुक्ति शिविर लगाए। इन शिविरों में एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक तीनों पद्धतियों से उपचार किया गया। पुलिस का मानना है कि बिना साइड इफेक्ट वाली आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं अधिक असरकारक साबित हुई हैं। योग सत्र, सामूहिक खेल, समूह चर्चाएं और सामुदायिक भागीदारी इस मुहिम को एक सामाजिक पुनर्निर्माण का रूप दे रही हैं।

पुलिस की सख्ती और सरकार की नीति ने मिलकर बदला परिदृश्य

हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि ड्रग तस्करी की कमर तोड़ने के लिए राज्य स्तर पर सख्त और सुनियोजित रणनीति अपनाई गई है। वर्ष 2023 में जहां 320 मुकदमे दर्ज किए गए थे, वहीं 2024 में वाणिज्यिक मात्रा के 438 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें 1571 बड़े तस्करों पर कार्रवाई की गई। इसके अतिरिक्त 1985 मध्यवर्ती और 907 कम मात्रा वाले केस भी सामने आए।

साल 2024 में बरामद किए गए नशीले पदार्थों में 31 किलो 913 ग्राम हीरोइन, 265 किलो चरस, 8768 किलो गांजा, 313 किलो अफीम, 382 किलो अफीम के पौधे, 15658 किलो भुक्खी, 48825 नशीली दवाओं की बोतलें, 7 लाख से अधिक गोलियां और कैप्सूल तथा 13 हजार से ज्यादा नशीले इंजेक्शन शामिल हैं।

 

 

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