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नशे की गिरफ्त में ‘जवानी’, 18 से 30 वालों को जकड़ा

स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने हरियाणा विधानसभा में रखी रिपोर्ट
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 27 मार्च 
पड़ोसी राज्य यानी बड़े भाई पंजाब को ‘उड़ता पंजाब’ कहा जाता था, लेकिन अब हरियाणा से भी नशे के संबंध में चौंकाने वाली रिपोर्ट आ रही है। प्रदेश की ‘जवानी’ नशे की गिरफ्त में फंसती लग रही है। नशे से पीड़ित 2024-25 के पंजीकृत मरीजों का आंकड़ा चिंता बढ़ाने वाला है। करीब एक वर्ष में 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के 52 हजार 207 युवा नशे की चपेट में आए हैं। यह वह आंकड़ा है, जिनका रिकार्ड सरकार के पास है।
इतना ही नहीं, 30 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों की संख्या इससे अलग है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हरियाणा में बढ़ रहे नशे के प्रचलन पर चिंता जता चुका है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में प्रदेश के 22 में से 13 जिलों को नशे की चपेट में बताया जा चुका है। पूर्व की मनोहर सरकार की तरह ही अब नायब सरकार भी नशे के जाल को तोड़ने की कोशिश में जुटी है। लेकिन सीमा पार से आ रहे नशे पर काबू नहीं पाया जा सकता है। पंजाब में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिये भी नशे की सप्लाई के कई मामले सामने आ चुके हैं।
विधानसभा में सरकार ने 2020-21 से लेकर 18 मार्च, 2025 तक की रिपोर्ट पेश की है। इसमें सालवार नशामुक्ति केंद्रों में ओपीडी/आईपीडी रोगियों के रूप में पंजीकृत हुए 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की संख्या का खुलासा किया है। यह रिपोर्ट 20 जिलों की है। इसमें चरखी दादरी और पलवल जिला के मरीजों का आंकड़ा नहीं है। रानियां के विधायक अर्जुन सिंह चौटाला के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव की ओर से प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में यह रिपोर्ट रखी गई।
नशे को लेकर सरकार काफी गंभीर है। जिला स्तर पर 36 और नशामुक्ति केंद्र खोले जाएंगे। हम मानते हैं कि युवाओं में बढ़ता नशा चिंता का विषय है। वार्ड स्तर पर कमेटी बनाएंगे ताकि पता लगे कि नशा कहां से आ रहा है। सभी को मिलकर काम करना होगा। मैं खुद भी मॉनिटरिंग करूंगी। ~
-आरती सिंह राव, स्वास्थ्य मंत्री
पंचकूला के हालात सबसे खराब  : सरकार की रिपोर्ट को अगर देखें तो पंचकूला में हालात सबसे खराब हैं। 2020-21 में जिले में 3412, 2021-22 में 6 हजार 40, 2022-23 में 13 हजार 701 तथा 2023-24 में 10 हजार 453 युवा नशे की चपेट में आए। वहीं अप्रैल-2024 से 18 मार्च, 2025 तक यह संख्या बढ़कर 13 हजार 442 पहुंच गई। पिछले करीब एक वर्ष में सिरसा में 7 हजार 20, अंबाला में 8 हजार 192, हिसार में 4 हजार 474 तथा यमुनानगर में 2 हजार 898 मामले सामने आए हैं।
नूंह व भिवानी ने बढ़ाई चिंता : 2020-2021 से लेकर 2022-23 यानी तीन वर्षों की अवधि में प्रदेश के दो जिलों– भिवानी व नूंह में एक भी युवा नशे की चपेट में नहीं था। इस रिपोर्ट के हिसाब से पिछले दाे वर्षों में इन दोनों जिलों में भी मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। 2023-24 में भिवानी जिला में 248 तथा नूंह में 34 युवा नशामुक्ति केंद्रों में पहुंचे। वहीं पहली अप्रैल, 2024 से 18 मार्च, 2025 तक की अवधि में भिवानी में 835 और नूंह में 100 युवा नशे की चपेट में आए हैं।
किस जिले के कितने युवा चपेट में
अंबाला 08192, भिवानी 00835, फतेहाबाद 00905, फरीदाबाद 00341, गुरुग्राम 05471, हिसार 04474, झज्जर 00089, जींद 01413, कैथल 00909, करनाल 01103, कुरुक्षेत्र 01230, महेंद्रगढ़ 00643, नूंह 00100, पंचकूला 13442, पानीपत 00515, रेवाड़ी 00046, रोहतक 01600, सिरसा 07020, सोनीपत 00981, यमुनानगर 02898 (नोट : यह आंकड़ा केवल पिछले एक साल का है। इसमें केवल 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के पंजीकृत युवा शामिल हैं।)
पांच वर्षों में नशामुक्त हुए युवा
वर्ष                संख्या
2020-21            03947
2021-22            08570
2022-23          11439
2023-24          12051
2024-25          14621
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