चंडीगढ़, 21 मई (ट्रिन्यू)
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य और आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर ट्वीट बम फोड़ा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व़ इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के जरिये कुलदीप ने कांग्रेस नेतृत्व को आईना दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि प्रेशर और पैसे के प्र्भाव में फैसले लेने वाली पार्टी डूब जाया करती है।
हरियाणा कांग्रेस में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई हाईकमान से नाराज चल रहे हैं। वे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सिफारिश पर पूर्व विधायक चौ़ उदयभान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी है।
चार कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष भी बने हैं, लेकिन कुलदीप इस सूची से भी बाहर हैं। इसके बाद से ही वे असंतुष्ट हैं और राहुल गांधी से मुलाकात के लिए समय मांग रहे हैं। जिस दिन से चौ़ उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है, उसी दिन से कुलदीप रोजाना सुबह-सवेरे ट्वीट कर रहे हैं। हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल उनसे बातचीत भी कर चुके हैं, लेकिन वे राहुल गांधी से मुलाकात के लिए अड़े हैं। प्रदेशाध्यक्ष का फैसला हुए तीन सप्ताह से भी अधिक दिन हो चुके हैं, लेकिन राहुल उनसे अभी तक नहीं मिले हैं। फिलहाल तो आगे भी मुलाकात के हालात कम ही नजर आ रहे हैं।
स्व. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की यह खूबी थी कि वे टैलेंट और मैरिट के आधार पर फैसले लिया करते थे। इसी वजह से कांग्रेस का उस समय कोई मुकाबला नहीं कर सकता था। जब कोई पार्टी प्रेशर और पैसे के प्रभाव में आकर फैसले लेगी तो उसका डुबना तय है। इस ट्वीट के साथ कुलदीप ने स्व़ राजीव गांधी और भूतपूर्व सीएम एवं कुलदीप के पिता स्व. चौ. भजनलाल के चार फोटो भी अपलोड किए हैं।
इधर, आईएएस खेमका का ट्वीट
गेहूं के निर्यात की पाबंदी से होगी हानि
वरिष्ठ आईएएस डॉ़ अशोक खेमका ने केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध पर कटाक्ष किया है। उनके अनुसार प्रतिबंध सही नहीं है। शनिवार को ट्वीट कर खेमका ने कहा, ‘गेहूं निर्यात प्रतिबंधित करने से देश में गेहूं की उपलब्धता बढ़ेगी और घरेलू कीमतें गिरेंगी। इससे घरेलू उपभोक्ताओं के लाभ है, परंतु हमारे किसानों को हानि होगी’। खेमका यही नहीं रुके और आगे सवाल उठाते हुए कहा, ‘गेहूं की सरकारी खरीद पर हमारे किसानों को बोनस देना क्या उचित नहीं है’।