नरेश कुमार/निस
ऐलनाबाद, 28 मार्च
राजस्थान की सीमा से सटे ऐलनाबाद क्षेत्र के गांव कुम्हारिया में प्राकृतिक जोहड़ सूख चुके हैं, जिससे मवेशियों को पानी पिलाने का गंभीर संकट पैदा हो गया है। जोहड़ के तल में दरारें पड़ गई है। ग्रामीणों का कहना कि जब से गांव बसा है, कभी भी प्राकृतिक जोहड़ नहीं सूखा। पहली बार गांव में जोहड़ सूखे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नहर बंदी भी अब कई दिन तक है तथा बारिश की भी कोई संभावना नहीं लग रही है। इससे जोहड़ में पानी की पूर्ति होना काफी मुश्किल है। ग्रामीण कृष्ण कुमार, सुरेंद्र सिंह, रामकुमार जगदीश ने बताया कि गांव कुम्हारिया में प्राकृतिक रूप से बने तीन जोहड़ पूरी तरह से सूख चुके हैं। इससे मवेशियों को पानी पिलाने के लिए गंभीर संकट पैदा हो गया है। इनका कहना है कि सरकार एक तरफ तो तालाबों के सौंदर्यीकरण की बात करती है दूसरी तरफ गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले ही जोहड़ों में पानी सूख चुका है। ऐसे में पशुओं को पानी कैसे पिलाया जाए और जोहड़ में हजारों की संख्या में मछलियां व जलीय जीव पानी सूखने के साथ ही मर गए हैं। इससे पूरे क्षेत्र में बदबू का आलम है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव को बसे हुए करीब 200 साल से ऊपर हो गए हैं, लेकिन कभी भी जोहड़ में पानी नहीं सूखा। इस बार गर्मी आने से पहले ही मार्च के महीने में ही पानी सूख गया है। आगे भयंकर गर्मी का मौसम है, ऐसे में पानी की कमी से काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इनका कहना है कि सरकार और प्रशासन द्वारा अगर जल्दी पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो मवेशियों को पानी पिलाने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ेगी।
इधर, नहर भी सफाई के चलते कई दिन तक बंद रहेगी, जिससे जल घर में भी पानी की समस्या शुरू हो गई है। गांव में करीब 3500 पशुओं के लिए पीने का पानी बिल्कुल भी नहीं रहा है। ग्रामीण ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी के मौसम में जोहड़ में पानी में पशुओं को नहलाया जाता है, जिससे दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन ठीक रहता है। अब मवेशियों के लिए पीने पानी का भी नहीं है तो नहलाने की बात तो दूर की हो गई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार और प्रशासन को जल्द कोई कदम उठाकर मवेशियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।