डॉक्टरों के नाम, पद और हस्ताक्षर होंगे हर पर्ची पर अनिवार्य
राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में अब हर पर्ची पर पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों की मुहर होगी। आरती सिंह राव ने न सिर्फ डॉक्टरों के लिए नियम तय किए, बल्कि अस्पतालों की स्वच्छता व्यवस्था पर भी बड़ा एक्शन प्लान जारी किया है। इसके तहत हरियाणा के अस्पताल अब होंगे कीट-मुक्त और जिम्मेदार होंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि अब हर चिकित्सक को ओपीडी पर्चियों, रिपोर्टों और प्रिस्क्रिप्शन पर अपना नाम, पदनाम, हस्ताक्षर और रजिस्ट्रेशन नंबर साफ-साफ अंकित करना अनिवार्य होगा।
सभी जिलों के सिविल सर्जनों को इस संबंध में औपचारिक निर्देश पत्र जारी किया गया है। पालन न करने पर कार्रवाई होगी। आरती सिंह राव ने दो टूक कहा – ‘मरीजों के हितों से कोई समझौता नहीं। इलाज के हर पन्ने पर डॉक्टर की पहचान जरूरी है।’ मंत्री ने अस्पतालों की स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण पर भी सख्ती दिखाई।
उन्होंने आदेश दिया कि सभी सरकारी अस्पतालों में कीट एवं कृंतक नियंत्रण सेवाएं नियमित रूप से कराई जाएं। कुछ जिलों से मिली रिपोर्टों में इन सेवाओं के अभाव में मच्छर, चूहे और संक्रमणकारी जीवों की शिकायतें आई थीं। इस पर मंत्री ने कहा कि अस्पतालों की सफाई अब केवल कागजों तक नहीं रहेगी, ज़मीन पर दिखनी चाहिए।
जेनेरिक दवाओं पर भी सख्त रुख
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कई जगह डॉक्टर अब भी दवाओं के ब्रांड नाम लिखते हैं, जिससे भ्रम और खर्च दोनों बढ़ते हैं। अब आदेश है कि हर डॉक्टर जेनेरिक नाम बड़े और स्पष्ट अक्षरों में लिखें। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इससे न केवल सस्ती दवाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि फार्मा कंपनियों के प्रभाव में कमी आएगी।
‘क्वालिटी हेल्थकेयर’ पर फोकस
इन सेवाओं की निगरानी, दस्तावेज़ीकरण और रिपोर्टिंग अब हर सिविल सर्जन की जिम्मेदारी होगी। मुख्यालय को नियमित रिपोर्ट भेजना अनिवार्य किया गया है। यह कदम राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत हरियाणा के अस्पतालों को बेहतर ग्रेड दिलाने की दिशा में भी अहम होगा। आरती सिंह राव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हरियाणा के नागरिकों को स्वच्छ, सुरक्षित और पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। उन्होंने कहाकि डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और अधिकारी इस मिशन के जिम्मेदार सिपाही हैं।
