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सीधी भर्ती से भड़के डॉक्टर: 25 को दो घंटे की कलमबंद हड़ताल

एसएमओ पदों पर प्रमोशन का रास्ता बंद होने का आरोप

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हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों में एक बार फिर नाराजगी उबाल पर है। वजह है सीनियर मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) की सीधी भर्ती दोबारा शुरू कर दी गई है। डॉक्टरों का तर्क है कि एसएमओ का पद हमेशा से प्रमोशन से भरा जाता रहा है, लेकिन सीधे भर्ती खोलने से मेडिकल ऑफिसर्स (एमओ) का करियर प्रोगेशन रुक जाएगा। पहले भी विरोध के बाद तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। लेकिन नई स्वास्थ्य मंत्री के रूप में आरती सिंह के पदभार ग्रहण करने के बाद विभाग ने फिर से सीधी भर्ती की फाइल आगे बढ़ा दी।

सरकारी डॉक्टर मंगलवार को काले बिल्ले लगाकर विरोध जता चुके हैं, और अब 25 नवंबर को पूरे राज्य में दो घंटे की कलमबंद हड़ताल करेंगे। दिलचस्प यह है कि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में दो बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आ रहे हैं, जिससे आंदोलन की गूंज और बढ़ने की संभावना है।

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मंगलवार को हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के प्रधान डॉ़ राजेश ख्यालिया के नेतृत्व में डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव से मिलने चंडीगढ़ पहुंचा, लेकिन मंत्री अपने क्षेत्र में होने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक से साफ कहा कि एक मंत्री द्वारा रोकी गई प्रक्रिया को दूसरा मंत्री क्यों शुरू कर रहा है।

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डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि यदि एसएमओ भर्ती पर पुनर्विचार नहीं हुआ तो आंदोलन चरणबद्ध तरीके से तेज किया जाएगा और स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना भी दिया जा सकता है। एसोसिएशन के प्रधान का आरोप है कि जिन मांगों पर सरकार पहले ही सहमति जता चुकी है, उन पर आदेश और अधिसूचना जानबूझकर लंबित रखी जा रही है।

एसीपी वृद्धि को मंजूरी दिए काफी समय बीत चुका है, लेकिन इसके आदेश अब तक जारी नहीं हुए। उनका कहना है कि मेडिकल ऑफिसर्स वर्षों तक सेवा देने के बाद भी एसएमओ तक नहीं पहुंच पाते और कई डॉक्टर एमओ के पद पर ही रिटायर हो जाते हैं। ऐसे में सीधे भर्ती शुरू होना उनके लिए दोहरी मार जैसा है।

साथ ही डॉक्टरों ने अन्य राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में रिटायरमेंट आयु बढ़ाने और पुनर्नियोजन में ‘पिक एंड चूज’ की नीति खत्म करने की भी मांग रखी। एसोसिएशन का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए योग्य और अनुभवी डॉक्टरों को सिस्टम में बनाए रखना जरूरी है, और सरकार को इस दिशा में ठोस फैसला लेना चाहिए।

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