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जांच को अनाज मंडी पहुंचे डीएमईओ

धान खरीद में गड़बड़ी का मामला
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कालांवाली में शुक्रवार को अतिरिक्त अनाज मंडी में खुले में लगे धान के ढेर। -निस
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कालांवाली, 3 नवंबर (निस)

धान खरीद में हो रही गड़बड़ी की खबर ‘दैनिक ट्रिब्यून’ में प्रकाशित होते ही मार्केटिंग बोर्ड के डीएमईओ राहुल कुंडू टीम के साथ कालांवाली पहुंचे। उन्होंने कालांवाली में अनाज मंडी में धान खरीद का निरीक्षण किया। इस दौरान मार्केट कमेटी सचिव मेजर सिंह, खरीद एजेंसियों हैफेड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हरियाणा वेयर हाउस के खरीद अधिकारी सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे। डीएमईओ की ओर से की गई मंडी में धान के निरीक्षण पर किसानों ने असंतुष्टि जाहिर की है व उन पर जांच के नाम पर खानापूर्ति करने, धान में गड़बड़ी सामने होने के बावजूद अनदेखा करने और मिलीभगत करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियाें को शह देकर बचाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रदेश सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, प्रदेश कृषि मंत्री जेपी दलाल और प्रदेश गृह मंत्री अनिल विज को लिखित शिकायत देकर मांग करेंगे है कि वह धान घोटाले में जांच के लिए स्पेशल टीम गठित करे ताकि सही व निष्पक्ष रूप से की गई जांच में चीका मंडी की तरह कालांवाली में भी बड़ा घोटाला सामने आ सके।

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आरोप निराधार : अधिकारी

मार्केटिंग बोर्ड के डीएमईओ राहुल कुंडू ने आरोपों को निराधार बताते हुए बताया कि वे आज मंडी में निरीक्षण करने आए थे। वह मंडी में एक शैड के नीचे गए थे, वहां साफ-सुथरा धान बैगाें में भरा जा रहा था। बाकी जगह उन्हाेंने जांच नहीं की। उन्हें मंडी में कोई भी बाहर से आने वाले ट्राले दिखाई नहीं दिए। उन्होंने कर्मचारियों से धान खरीद को लेकर रिकार्ड मांगा है। उसी फिगर के मिलान के बाद ही स्पष्ट हो जाएगा कि धान खरीद में गड़बड़ी हो रही है या नहीं। वह पूरा रिकार्ड लेने के बाद ही शैलरों में जाकर जांच करेंगे। उनकी तरफ से वेरीफिकेशन की कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी।

दूसरे राज्यों के ट्रालों पर नहीं दिया ध्यान

किसान कुलदीप सिंह जोगेवाला, बिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरनाम सिंह का कहना है कि धान गड़बड़ी को लेकर मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारी ने न तो मंडी में सही से धान की जांच की और न ही शैलरों में स्टाॅक व रिकार्ड की जांच की। अधिकारियों ने मंडी में भरे जा रहे बिना साफ-सफाई के मिट्टी व कूड़ा-कर्कट वाले धान, इस्तेमाल हो रहे पंजाब, यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश के फटे-पुराने वारदाने, बिना किसानों के लगे धान के बड़े-बड़े ढेरों, अनाज मंडी के पास खड़े यूपी, बिहार व अन्य राज्यों के धान के ट्रालों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। अधिकारी उन एक-दो ढेरियों पर ही जांच करते नजर आए जिन ढेरियों पर मिलीभगत करके किसान व सरकार को चूना लगाने वाले अधिकारी व कर्मचारी उनको लेकर गए। इसके अलावा अपने स्तर पर उन्होंने कोई जांच नहीं की।

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