सोनीपत, 26 अप्रैल (हप्र)
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी),मुरथल की टीचर एसोसिएशन (डीक्रूटा) ने सरकार से कुलपति को वापस बुलाने की मांग की है, ताकि प्रदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को समय रहते बर्बाद होने से बचाया जा सके। एसोसिएशन कहना है कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को सेमिनार हॉल में अब मीटिंग करने का भी पैसा चुकाना होगा, जबकि विश्वविद्यालय के बाहर वालों के लिए अब तक कोई ऐसी पॉलिसी नहीं है। एसोसिएशन ने कहा कि उनके आंदोलन के दबाने का प्रयास किया जा रहा है मगर वो चुप
नहीं बैठेंगे।
डीसीआरयूएसटी की टीचर एसोसिएशन ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जमकर नारेबाजी की। डीक्रूटा के प्रधान डॉ. सुरेंद्र दहिया ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब विश्वविद्यालय के कर्मचारियों द्वारा सेमिनार हाल में बैठक करने पर चार्जेज देने होंगे। विश्वविद्यालय का कोई भी कर्मचारी सेवानिवृत्त होगा तो, उसके लिए आयोजित होने वाले सामाजिक कार्यक्रम पर अब पैसा देना पड़ेगा जबकि विश्वविद्यालय से बाहर वालों के लिए किसी भी कमेटी व पॉलिसी का कोई अता पता नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यह सब शिक्षकों पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है, ताकि शिक्षक जायज मांग न उठा सके।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार बेतुके फरमानों के तहत निरंतर शिक्षकों को बेइज्जत करने पर तुला हुआ है। विश्वविद्यालय में दो नए फरमान जारी किए हैं, जिसमें 6 हजार रूपये ग्रेड पे के पद के नीचे 10 हजार ग्रेड पे के प्रोफेसर को कार्य करने पर मजबूर होना पड़ेगा। आमतौर पर नियम के अनुसार जो भी कमेटी का गठन किया जाता है उसमें पद व ग्रेड पे व सीनियोरिटी का विशेष ध्यान रखा जाता है। विश्वविद्यालय प्रशासन मात्र कमेटी बनाने पर ही लगा हुआ है, उसका विश्वविद्यालय के विकास व विद्यार्थियों के हितों से कोई लेना देना नहीं है।
डीक्रूटा के उपप्रधान डॉ.अनिल यादव ने कहा कि विद्यार्थियों के हितों के लिए किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। विद्यार्थियों की क्लास निरंतर जारी रहेंगी, लेकिन विद्यार्थियों के हितों व विश्वविद्यालय को बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। विरोध प्रदर्शन में प्रधान डॉ.सुरेंद्र दहिया, उपप्रधान डॉ.अनिल यादव, सचिव डॉ.अजमेर सैनी, कोषाध्यक्ष डॉ.ममता भगत,डॉ.पंकज समेत अधिकांश शिक्षक मौजूद रहे।