Distrust of councilors कैथल जिला परिषद के चेयरमैन दीपक मलिक की कुर्सी गई
कैथल, 14 अक्तूबर
Distrust of councilors कैथल जिला परिषद के चेयरमैन दीपक मलिक जाखौली के खिलाफ आज लघु सचिवालय में हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पास किया गया। 20 पार्षदों में से 17 ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की, जिससे दीपक मलिक को चेयरमैन की कुर्सी से हटा दिया गया।
Distrust of councilors इस मामले में पिछले 19 जुलाई को वोटिंग हुई थी, जिसके बाद चेयरमैन दीपक मलिक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने उस वोटिंग के परिणाम घोषित करने पर स्टे लगा दिया था। इसके बाद आचार संहिता लागू हो गई थी। प्रशासन ने 14 अक्टूबर को परिणाम घोषित करने की तिथि निर्धारित की थी।
आज जब मतपेटी खोली गई, तो सभी 17 पार्षदों ने दीपक मलिक के खिलाफ वोटिंग की और उन्हें कुर्सी से हटा दिया। इस संबंध में कैथल के उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने कहा कि सभी 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। बैठक में 15 पार्षद मौजूद थे और नियमानुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।