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अंतरराष्ट्रीय शतरंज दिवस पर आज शिक्षकों के लिए जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं अनिवार्य

नई शिक्षा नीति के तहत खेल और शिक्षा का समावेश, शतरंज बनेगा स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा
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हरियाणा ओपन शतरंज प्रतियोगिता। फाइल
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हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा जगत में एक ऐतिहासिक अनोखी क्रांतिकारी पहल करते हुए 20 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय शतरंज दिवस के अवसर पर प्रदेश के 22 जिलों में महिला और पुरुष शिक्षकों के लिए अलग-अलग जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिताओं के आयोजन के दिशा निर्देश जारी किये हैं। इस प्रतियोगिता में प्रदेश के महिला पुरुष शिक्षकों की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

महाभारत के भीष्म पितामह शक्तिमान मुकेश खन्ना के नेतृत्व वाली हरियाणा शतरंज एसोसिएशन एचसीए के प्रदेश महासचिव ब्रह्मचारी कुलदीप शतरंज ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्राचार्यों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भेजे हैं। प्रतियोगिता का आयोजन जिला स्तर पर होगा, जिसके लिए स्थल का निर्धारण प्रदेश के संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे।

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इस ऐतिहासिक निर्णय के तहत महिला और पुरुष अध्यापकों को शतरंज सीखने व खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि उनकी ध्यान शक्ति, स्मरण शक्ति और रणनीतिक सोच का विकास हो सके। यह कदम भारत सरकार की नई नेशनल शिक्षा नीति की उस सोच को दर्शाता है जो शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर मानसिक विकास व कौशल से जोड़ती है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों में रणनीतिक सोच, मानसिक अनुशासन और ध्यान-स्मरण शक्ति का विकास करना है। यह नई नेशनल शिक्षा नीति की उस सोच को मूर्त रूप देता है जिसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों के समग्र बौद्धिक विकास को प्राथमिकता दी गई है। हरियाणा शतरंज एसोसिएशन एचसीए के प्रदेश महासचिव ब्रह्मचारी कुलदीप शतरंज ने बताया कि सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्राचार्यों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

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