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परिवहन विभाग में पीपीपी मोड पर विवाद, विज पॉलिसी से सहमत नहीं

बनेंगे तीन बस अड्डे, पहले दूसरे राज्यों का होगा सर्वे

चंडीगढ़, 14 जुलाई (ट्रिन्यू)

हरियाणा में परिवहन विभाग द्वारा तीन शहरों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बनाए जाने वाले तीन बस अड्डों पर पेच फंस गया है। खुद परिवहन मंत्री अनिल विज ने इस पॉलिसी पर सवाल उठा दिए हैं। विज को यह पॉलिसी इसलिए अखर रही है, क्योंकि इसमें कंपनियों का तो मुनाफा नजर आ रहा है, लेकिन सरकार के राजस्व को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। विज ने इस संदर्भ में विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने काे कहा है। साथ ही, कुछ सुझावों पर भी अमल करने के निर्देश दिए हैं। सबसे रोचक पहलू यह कि पिपली, गुरुग्राम व सोनीपत में पीपीपी मोड पर आधुनिक सुविधाओं से लैस बस स्टैंड बनाने की कवायद पिछले कई वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अभी तक ये बन नहीं पाए हैं।

अब विज के पास भी इन बस अड्डों के निर्माण से जुड़ी फाइल आई तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए न केवल फाइल को वापस लौटा दिया बल्कि विभाग को इसकी स्टडी करने के आदेश दे दिए हैं। विज ने विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि विभाग में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चल रही योजनाओं को लागू करने से पहले दूसरे राज्यों की स्टडी की जाए। जिन राज्यों ने यह पॉलिसी लागू की है, वहां जाकर अध्ययन किया जाए।

उन्होंने दूसरे राज्यों की स्टडी के साथ-साथ योजना को लेकर पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट करने और इसके बाद विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। इतना ही नहीं, इस बारे में भी जानकारी मांगी है कि पीपीपी मोड में सरकार को क्या फायदा होगा। इस पॉलिसी के तहत बनाए जाने वाले बस अड्डों से यात्रियों को क्या फायदा होगा और क्या सुविधा मिलेगी। साथ ही, सरकार को कितना राजस्व मिलेगा। कंपनी को मिलने वाले मुनाफे पर भी रिपोर्ट देने को कहा है।

पानीपत का प्रोजेक्ट हुआ फेल

यहां बता दें कि पानीपत के पुराने बस अड्डे को लेकर भी इसी तरह की योजना बनाई थी, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाई। ऐसे में पानीपत का बस अड्डा शहर से बाहर सिवाह गांव में बनाया गया है। पहले पुराने बस स्टैंड को मल्टी-स्टोरी बनाने की योजना थी। इसे इस रूप में डिजाइन किया जाना था, जिससे पानीपत के फ्लाईओवर से सीधे ही बस स्टैंड तक बसों की एंट्री-एग्जिट की सुविधा दी जा सके। भीड़ वाला एरिया होने की वजह से इस प्लान को रद्द किया गया और फिर शहर से बाहर नया बस स्टैंड बनाया गया।

रिपोर्ट के बाद ही होगा फैसला

विज ने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि पीपीपी मोड की योजनाओं पर फिलहाल काम नहीं होगा। पहले स्टडी रिपेार्ट आएगी। इसके बाद ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा कि पीपीपी मोड को परिवहन विभाग में लागू करना है या नहीं। यही नहीं, इस पॉलिसी को किस तरह पारदर्शी बनाया जा सकता है, इसको लेकर भी अधिकारियों को पूरी डिटेल रिपोर्ट देने को कहा है।