नयी दिल्ली, 1 अगस्त (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को सुनाई गई 4 साल कारावास की सजा निलंबित करने का अनुरोध करने वाली, उनकी याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। चौटाला की पैरवी वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने की। चौटाला ने दलील दी कि उनकी दोषसिद्धि एवं मामले में उन्हें दी गई सजा को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला लंबित रहने तक उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
साल 1993 से 2006 तक आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में निचली अदालत ने गत 27 मई को चौटाला को दोषी करार दिया था और चार साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। निचली अदालत ने संबंधित अधिकारियों को उनकी चार संपत्तियों को जब्त करने का भी निर्देश दिया था। हरिहरन ने हाईकोर्ट में प्रतिवेदन दिया, ‘वह 88 वर्ष के हैं और याचिका पर एक बार में फैसला नहीं हो सकता।’ चौटाला ने अदालत को पहले बताया था कि वह पहले ही मामले में पांच साल जेल में बिता चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘वह वैसे भी जमानत के लिए पात्र हैं, क्योंकि वह हिरासत में काफी समय रह चुके हैं और याचिका के निपटारे में काफी समय लगेगा।’ वहीं, सीबीआई की ओर से पेश हुए वकील अनुपम शर्मा ने सजा निलंबित करने की याचिका का विरोध किया।